द फॉलोअप डेस्क, रांची:
पलामू में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि इसका उद्देश्य समाज के अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्तियों के दरवाजे तक सरकार की योजनाओं और सेवाओं को पहुंचाना है। सुदूर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले हर गरीब और जरूरतमंद की समस्याओं का समाधान उसके घर पर मिले, इसलिए हर पंचायत में शिविर लगाए जा रहे हैं। यहां अधिकारियों की पूरी टीम मौजूद है। आप सभी इन शिविरों में आकर कल्याणकारी योजनाओं से जुडें।
मुख्यमंत्री नो करोड़ों की परिसंपत्ति का वितरण किया
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 100 करोड़ 69 लाख 89 हज़ार रुपए की लागत से निर्मित 113 योजनाओं का उद्घाटन किया। वहीं, 75 योजनाओं की आधारशिला रखी। इन योजनाओं पर करीब 104 करोड़ रुपए ख़र्च होंगें। मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के 6 लाख 53 हज़ार 152 लाभुकों के बीच करीब 68 करोड़ 67 लाख रुपए की परिसंपत्ति बांटी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि मैं यह देखता हूं कि शिविरों में लाभुकों को योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं।
एक आवेदन पर आपकी समस्या का होगा समाधान
मुख्यमंत्री ने लोगों से कहा कि चाहे आपको राशन कार्ड बनवाना हो या पेंशन योजना का लाभ लेना। जाति, आवासीय, शैक्षणिक या अन्य प्रमाण पत्र की जरूरत हो या फिर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जुड़ना चाहते हैं। आपको प्रखंड और डीसी ऑफिस का अब बार-बार चक्कर नहीं लगाना होगा। "आपकी योजना- आपकी सरकार- आपके द्वार " कार्यक्रम के तहत लगने वाले शिविरों में आप आएं। आपको यहां आपकी जरूरत के अनुकूल योजना से आच्छादित किया जाएगा और आपकी समस्या का भी समाधान होगा।
हम जो कहते है, उसे अवश्य करते हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जो कहते हैं उसे अवश्य पूरा करते हैं। राज्य कैसे आगे बढ़े, इसे लेकर लगातार चिंतन मंथन करते हुए रणनीति के तहत कार्य कर रहे हैं। जब से हमारी सरकार वजूद में है , कोरोना महामारी और सुखाड़ जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लेकिन इन विपरीत परिस्थितियों के बीच भी राज्य की जनता को राहत देने का काम किया गया और अब विकास की रफ्तार को गति दी जा रही है। हमने झारखंड को वर्ष 2025 तक आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा है। इसी लक्ष्य के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। हम इस राज्य को अपने दम पर खड़ा करेंगे, जहां उसे किसी से सहयोग की जरूरत नहीं पड़ेगी । अपने बलबूते इस राज्य को अव्वल राज्यों की श्रेणी में लाएंगे।
मुख्यमंत्री ने गांव के विकास को बताया जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की आत्मा गांवों में बसती है और किसान गांव के रीढ़ हैं । ऐसे में सरकार किसानों को सशक्त और उनकी आय बढ़ाने के लिए पूरी ताकत के साथ काम कर रही है । किसानों के लिए कई योजनाएं चल रही हैं । बिरसा हरित ग्राम योजना के माध्यम से किसानों को फलदार पौधा लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। दीदी -बाड़ी योजना के जरिए बागवानी से जोड़ा जा रहा है । पूरे राज्य में किसान पाठशाला खोले रहे हैं, जहां कृषि की आधुनिक तकनीक की जानकारी दी जा रही है। हर खेत में पानी पहुंचे, इसके लिए सिंचाई योजनाओं पर तेज गति से काम हो रहा है। किसानों की सहायता के लिए कृषि पदाधिकारियों की नियुक्ति हुई है। हमारी सरकार किसानों को सशक्त बना रही है। अब मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत लाभुकों को जो भी जानवर दिए जाएंगे, उसका बीमा भी होगा, ताकि पशुओं की मौत होने पर किसानों को आर्थिक नुकसान ना उठाना पड़े। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत लाभुकों को अब भैंस भी मिलेगा।
मजदूरों के हितों का पूरा ख्याल रख रहे हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड से बड़ी संख्या में मजदूर दूसरे राज्यों में काम करने जाते हैं। इन प्रवासी मजदूरों के हित में भी सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इस सिलसिले में हमारी सरकार विभिन्न राज्यों से करार करने जा रही है। इससे अगर किसी राज्य में झारखंड के किसी मजदूर को किसी तरह की समस्या होगी तो उनकी मदद के लिए राज्य सरकार आगे आएगी। मुख्यमंत्री ने मजदूरों से कहा कि वे अपना निबंधन श्रम विभाग के पोर्टल पर जरूर कराएं, ताकि सरकार के पास पूरा डाटा रहे कि कौन मजदूर किस राज्य में काम करने गया है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना और गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना का जिक्र करते हुए कहा कि हम नौजवानों का भविष्य गढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। झारखंडी युवाओं को विदेश में पढ़ाई का मौका दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने निजी क्षेत्र में 50 हजार से ज्यादा नौकरियां दी है। हजारों की संख्या में सरकारी पदों पर भी नियुक्ति होगी।