रांची:
झारखंड विधानसभा का बजट सत्र अपने आखिरी चरण में है। बुधवार को सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का संबोधन हुआ। मुख्यमंत्री ने विपक्ष द्वारा राज्य में बालू और खदानों की लूट के आरोपों पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष का आरोप है कि राज्य में बालू की लूट हो रही है। खदानों की लूट हो रही है। मैं कहना चाहता हूं कि माइंस से राजस्वकलेक्शन 2016 में 4,120 करोड़ रुपये था जो बढ़कर 6 हजार 902 करोड़ रुपये हो गया है। ये वहीं कंपनी है जो पहले थी।
गलत तरीके से सत्ता हासिल करना चाहता है विपक्ष!
मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि बीते कुछ दिनों में अलग-अलग विभागों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। विपक्ष को चिंता है कि सरकार निठल्ली है। निकम्मी है। बीते 22 साल में से 14 साल तक झारखंड में उनकी सत्ता रही जो अभी विपक्ष में बैठे हैं। हमें केवल साढ़े 3 साल मिला। 2 साल तक कोविड महामारी की वजह से घर बैठे रहे।
हमने इस दौरान क्या किया, सदन को जानना चाहिए। हमलोगों ने खर्च और आमदनी पर ध्यान दिया। सरकारी संसाधनों पर ही सरकार काम करती है। संसाधन ना हो तो सरकार ठप हो जाती है। बाबूलाल मरांडी के कार्यकाल में सरप्लस बजट था। बाद में खजाना खाली हो गया। विपक्ष का ध्यान खरीद-बिक्री से सत्ता हासिल करने पर रहता है। राज्य चाहे गड्ढे में जाये।
14 वर्षों में झारखंड को चर गई भारतीय जनता पार्टी!
सीएम हेमंत सोरेन ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष 14 वर्षों में राज्य को चर गया। उसे व्यवस्थित करने में शून्य से काम करना पड़ता है। नींव पर कभी काम ही नहीं हुआ। संसाधन कैसे आएगा, इस पर कभी सोचा नहीं गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि राज्य सोने का अंडा देता है तो उसे खिलाना-पिलाना भी पड़ता है। इस राज्य में केंद्र के कई उपक्रम हैं लेकिन सबको खोखला बना दिया। हमने यूनिवर्सल पेंशन स्कीम शुरू की। वृद्ध और एकल महिला को भी पेंशन मिलता है।