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भोगनाडीह में हेमंत ने भरी हुंकार, कहा- मनुवादी सोच वालों की जड़ कबाड़ फेंकेंगे

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द फॉलोअप डेस्क
जेल से निकलने के बाद पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने पहली बार अपने विधानसभा क्षेत्र पहुंचे। हेमंत सोरेन ने हूल दिवस के अवसर पर भोगनाडीह में जनता को संबोधित किया। जहां उन्होंने विपक्ष, अपने कार्यकाल, पूर्वजों और जेल यात्रा पर खुलकर बात रखी। हेमंत सोरेन ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी हमको जेल से निकले केवल 2 दिन हुए है। अभी से ही विपक्ष के लोगों में खलबली मच गई है। अब देश के बड़े-बड़े नेता मेरे आगे-पीछे घूमने लगे हैं कि किस तरीके से मुझे फंसाया जाए। मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा जाए और मुझे जेल में डाला जाए। 


मनुवादी विचारधारा वाले लोगों की जड़ राज्य और देश से कबाड़ देंगे
 हेमंत सोरेन ने कहा कि आज हूल दिवस में मैं बहुत विशेष नहीं कहूंगा। विगत 5 महीने के बाद जेल से छूटने के बाद मेरा यह पहला घर से बाहर निकलना है। जहां आज मैं हूल दिवस पर पहुंचा हूं और यह संजोग है यह हूल दिवस तो हम सदियों से मना रहे हैं लेकिन आज यह मेरे लिए हमारे झारखंड वासियों के लिए आदिवासी-मूलवासियों के लिए एक प्रेरणा दिवस है। आज के दिन हर साल लाखों की संख्या में हम यहां एकत्रित होते हैं। लेकिन आज देश में जो स्थिति बनी है जो विपक्ष का जमात इकट्ठा हुआ है उसके खिलाफ महागठबंधन ने हूल क्रांति करने का निर्णय लिया है। हमने संकल्प लिया है कि इन सामंती सोच मनुवादी विचारधारा वाले लोगों की जड़ राज्य और देश से कबाड़ देंगे। अलग-अलग झुठे मुद्दों को लेकर महागठबंधन के नेताओं को फंसाया गया। इन लोगों ने किसी को नहीं छोड़ा चाहे वह राहुल गांधी हो,केजरीवाल हो या फिर हेमंत सोरेन हो। मनगढ़ंत कहानी, फर्जी केस पर जिसका कोई साक्ष्य नहीं उसमें फंसाकर जेल में भेजा। जो उनका विरोध करेंगे उनको जेल में डाल देंगे। किसी भी हद तक जाएंगे। लेकिन इनको पता नहीं की झारखंड एक ऐसा धरती है जो पूरा खून से सना हुआ। यह शहीदों की धरती है इधर सिद्धू-कान्हू है तो उधर भगवान बिरसा मुंडा हैं, चंदभैरव है इधर नीलांबर-पीतांबर है। हमको ये क्या डराएंगे। 


सच्चाई को ज्यादा दिन नहीं दबाया जा सकता
हमलोगों ने जो विगत 4 सालों में काम किया और उसे अंजाम तक पहुंचाने का काम किया। सरकार आपके द्वार कार्यक्रम से गांव-गांव पंचायत पंचायत तक हम पहुंचे। हमने पहले भी कहा था कि जब हमारी सरकार बनेगी तो हेडक्वार्टर से नहीं बल्कि गांव से चलेगी। आज इसको रोकने के लिए बहुत प्रयास किया गया। जिसका एक चोट हमें भी झेलना पड़ा। यह पांच महीने जेल की सजा लेकिन सच्चाई को बहुत ज्यादा देर तक दबाया नहीं जा सकता। ना बांधा जा सकता है, किसी न किसी शक्ल में वह पहाड़ बनकर खड़ा होता है। ऐसा पहाड़ जिसे हिलाना ऐसे सामंती सोच की हिम्मत कभी नहीं होगी।

हम लोगों के एक परीक्षा की घड़ी आ रही
अभी बहुत जल्द राज्य में फिर से हम लोगों के एक परीक्षा की घड़ी आने वाली है। राज्य के सरकार के चुनाव के लिए घोषणा होने वाली है। समय से पहले यह चुनाव कराने की तैयारी में है तो हम भी उन लोगों को कह दिया कि चुनाव का घोषणा तुम कर ही दो तो पहले क्या तुम अभी घोषणा कर दो। हम वादा करते राज्य का एक-एक जनता समझ चुका है कि किस तरीके से हमारे जल-जंगल-जमीन को हड़पने की कोशिश,हमारे सरकारी व्यवस्थाओं को उजाड़ने की कोशिश की जा रही है।


बकाया पैसा मांगा तो जेल में डाल दिया
 आज महंगाई आसमान छू रहा है। जब हम सरकार बनाए थे तो खनिज से 1 करोड़ 36,000 लाख का बकाया केंद्र सरकार के पास था जब हमने उसे मांगना शुरू किया तो हम जेल में डाल दिया। हमें भी लगा कि यह हमारा हक मांगने का परिणाम है। हम अब अपना हक लेंगे रहेंगे। इस राज्य के खनिज संप्रदा के लिए हम लोग इस तरीके से कानून बनाएंगे यहां के खनिज संपदापर अधिकार पहले यहां के झारखंडियों का हो। 

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