रांची
झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में सहायक आचार्य प्रवेश परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई जनवरी के दूसरे सप्ताह में होगी। बता दें कि राज्य में सहायक आचार्य प्रवेश परीक्षा मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में जस्टिस राजेश शंकर की बेंच कर रही है। इस मामले में मणि सांगा और कुछ अन्य लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। हाईकोर्ट ने इस बाबत जैक और जेएसएससी से चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
क्या कहा गया है दायर याचिका में
दायर याचिका में आवदेकों ने सहायक आचार्य के दिये जाने वाले वेतन और सेवा से संबंधित अन्य बिंदुओं को उठाया है। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि झारखंड सरकार ने सहायक शिक्षक पद के लिए टेट परीक्षा ली थी। लेकिन सरकार की ओर से सहाय़क शिक्षक पद के लिए वेकेंसी नहीं निकाली गयी। इसके स्थान पर सहायक आचार्य पद के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया गया। ये एक तरह से वादा खिलाफी है। इससे लाखों सहायक शिक्षकों को निराशा हुई है। सरकार को इस निर्णय को बदलना चाहिये।
2016 में ली गयी थी टेट परीक्षा
गौरतलब है कि 2016 में झारखंड सरकार की ओर से टेट परीक्षा ली गयी थी। कहा गया था कि ये परीक्षा सहायक शिक्षकों के पद के लिए ली जा रही है। लेकिन बाद में इस पद का नाम बदलकर सहायक आचार्य़ कर दिया गया। शिकायत है कि इसका वेतनमान भी सहायक शिक्षकों से कम कर दिया गया। सरकार पर आरोप है कि वो सहायक आचार्य के नाम से नया पद सृजित कर नियुक्तियां करने की तैयारी में है।