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रांची में 4 साल के बच्ची में H3N2 वायरस की पुष्टि, जानें इन्फ्लुएंजा के लक्षण, बचाव और सवधानियां

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द फॉलोअप डेस्क
झारखंड में H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस (H3N2 influenza virus) के मरीजों की संख्या बढ़ी है। शनिवार को जमशेदपुर में 68 वर्षीय महिला में इस वायरस की पुष्टि हुई थी। इसके बाद जानकारी के अनुसार रांची में भी इस वायरस की पुष्टि हुई है। राजधानी में 4 साल के बच्ची में इनफ्लुएंजा वायरस की पुष्टि होने की खबर सामने आई है। बच्ची का इलाज रानी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में हो रहा है। डॉक्टर से मिली जानकारी के अनुसार बच्ची को 3 तीन पहले न्यूमोनिया के लक्षण को देखते हुए अस्पताल में भर्ती कराया था। इसके बाद से बच्ची को सर्दी-खांसी की शिकायत थी। शनिवार को उसका टेस्ट कराया गया तो उसके इंफ्लुएंजा से ग्रसित होने की पुष्टि हुई।  फिलहाल बच्ची को आइसीयू  में आक्सीजन सपोर्ट के साथ रखा गया है और वह स्थिर है। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है। हालांकि एक सप्ताह पहले ही राज्य सरकार ने गाइडलाइन जारी कर सभी डीसी और सिविल सर्जन को इसकी तैयारी में जुट जाने को कहा था।


H3N2 वायरस के लक्षण
आपको बता दें कि आईसीएमआर ( ICMR),  देश भर में अपने वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरीज के नेटवर्क के जरिए वायरस से होने वाली बीमारियों पर नजर बनाएं रखता है। आईसीएमआर में महामारी विज्ञान की प्रमुख डॉ निवेदिता के मुताबिक 15 दिसंबर से अब तक 30 वीआरडीएलएस के डाटा ने इंफ्लूएंजा ए एच2एन2 ( H3N2) के मामलों की संख्या में तेजी रिकॉर्ड की है। ICMR के मुताबिक अस्पताल में भर्ती ए3एन2 ( H3N2) मरीजों में 92 फ़ीसदी मरीजों में बुखार, 86 फ़ीसदी मरीजों को खांसी, 27 फ़ीसदी को सांस फूलना, 16 फ़ीसदी को घबराहट की समस्या देखी गई। इसके अलावा आईसीएमआर ने निगरानी में पाया गया कि ऐसे ही 16 फ़ीसदी रोगियों को निमोनिया था और 6 फ़ीसदी लोगों को दौरे पड़ते थे। आईसीएमआर के मुताबिक ( H3N2) वायरस से पीड़ित पेशेंट में से लगभग 10 फ़ीसदी रोगियों को ऑक्सीजन की जरूरत होती है और 7 फ़ीसदी को आईसीयू में देखभाल की जरूरत होती है।


ऐसे करें बचाव
 नियमित रूप से हाथ धोने और सार्वजनिक जगह पर हाथ मिलाने और थूकने से बचे
आंख और नाक को छूने से बचें
खांसते समय मुंह पर और नाक को कवर कर लें
घर से बाहर निकलते वक्त मास्क का लगाना जरूरी है
प्रदूषण वाली जगहों पर जाने से बचें
तरल पदार्थों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें
बॉडी पेन या बुखार होने पर पेरासिटामोल लें

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