द फॉलोअप डेस्क:
दादी का अंतिम संस्कार करने गया पोता नहाते समय डूब गया। झरिया के मोहलबनी दामोदर नदी मुक्ति धाम में सोमवार को दिल दहला देने वाली घटना घटी। सूरज कुमार रवानी नाम का युवक अपनी दादी का अंतिम संस्कार करने गया था। कौन जानता था कि यह सूरज का आखिरी दिन था? सूरज को डूबता देख वहां मौजूद लोगों ने उसे बचाने की कोशिश की। लेकिन नदी में उसका कोई निशान नहीं मिला। स्थानीय युवाओं ने भी उसे ढूंढने की काफी कोशिश की। लेकिन रात होने के कारण खोजबीन नहीं हो सकी। अब मंगलवार को फिर से तलाश का काम शुरू किया जाएगा। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
मंगलवार को गोताखोर खोजने का काम करेंगे
दरअसल, अनिल रवानी की मां गीता देवी का निधन हो गया था। सोमवार को अंतिम संस्कार करने के लिए अनिल का बेटा सूरज कुमार रवानी (21) भी अपने परिजनों के साथ गया था। मुखाग्नि देने के बाद सूरज अपने दोस्त रोहित कुमार के साथ दामोदर नदी में स्नान करने के लिए नदी पार चला गया। नहाते समय दोनों गहरे पानी में चले गये। इसी बीच अचानक सूरज का पैर फिसल गया और वह नदी में डूबने लगा। जबकि रोहित किसी तरह अपनी जान बचाकर नदी के गहरे पानी से बाहर निकाल कर शोर मचाने लगा। रोहित की आवाज सुनकर सूरज के पिता और अन्य लोग दौड़े। कुछ लोग तलाश के लिए नदी में कूद पड़े। काफी प्रयास के बाद भी कुछ नहीं मिला। इसकी सूचना मिलते ही सुदामडीह पुलिस पहुंची। स्थानीय युवाओं की मदद से ढूंढने का प्रयास किया गया। अब मंगलवार को गोताखोरों को ढूंढने का काम किया जाएगा।
दादी का 2 दिन पूर्व ही देहांत हुआ था
सूरज के डूबने की खबर मिलते ही परिजनों ओर अन्य लोगों में अफरा-तफरी मच गयी। परिजनों ने बताया कि सूरज कुमार रवानी 3 भाई हैं। सूरज, रोशन के अलावा अभिषेक रवानी की 1 बहन हैं। पिता अनिल कुमार रवानी चंडीगढ़ में मजदूरी करते हैं। भाई-बहन समेत पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। 2 दिन पहले ही दादी गीता देवी की मौत हुई थी। पूरा परिवार चंडीगढ़ से लौटा था और अंतिम संस्कार के लिए मोहलबनी घाट गया था। घटना सुनते ही सूरज के पिता बेहोश होकर गिर पड़े। सूरज के मोहल्ले के दो-तीन युवकों ने साहस दिखाया और उसे बचाने के लिए पानी में कूद पड़े। उसे ढूंढने की काफी कोशिश की गई लेकिन वह नहीं मिला।