रांची
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्रेस वार्ता पर पलटवार करते हुए कहा कि राज्य सरकार के इशारे पर पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की जासूसी कराई जा रही थी। प्रतुल ने कहा कि ऐसा लगता है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता अब कहानियां बनाकर सरकार के बचाव में लग गए हैं। यह कैसा इत्तेफाक है कि जिस विमान से चंपई सोरेन जाते हैं,उसी विमान से यह दोनों स्पेशल ब्रांच के अधिकारी जाते हैं। उसी शहर में, उसी होटल में और उसी तल्ले पर बगल के रूम में यह दोनों अधिकारी ठहरते हैं जहां चंपई सोरेन भी ठहरते हैं। उसके बाद ये खुफिया विभाग के अधिकारी छुप छुप कर चंपई सोरेन से मिलने वाले लोगों की तस्वीर खींच रहे थे। सबसे बड़ा प्रश्न है कि जब चंपई सोरेन की सुरक्षा में खुफिया विभाग के दो अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति हुई थी तो यह सूचना चंपई सोरेन जी को क्यों नहीं दी गई? जाहिर तौर पर अब सरकार बड़ा कवर अप ऑपरेशन चला कर मामले की लीपापोती करा रही है।
इस मामले को लेकर दिल्ली के चाणक्यपुरी थाने में शिकायत भी दर्ज होती है। फिर खबरें आती है की हिरासत में लिए अधिकारियों को बॉन्ड लिखा कर छोड़ा गया। प्रतुल ने कहा यह साफ है कि हेमंत सोरेन विचलित होकर सभी राजनीतिक मर्यादाओं को लांघ कर अपने पिता के उम्र के बराबर के पूर्व मुख्यमंत्री रहे चंपई सोरेन जी की जासूसी करवा रहे थे। प्रतुल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने तो पहले भी मांग की है कि उच्च न्यायालय के एक सिटिंग जज से इस पूरे प्रकरण की जांच कराई जाए तथा यह भी जांच कराई जाए कि यह सरकार किन-किन राजनीतिक विरोधियों का भी अवैध तरीके से फोन टैपिंग कर रही और किनके फोन सर्विलांस पर रखा गया है?
प्रतुल ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के दौरों से झारखंड मुक्ति मोर्चा भयभीत रहती है। इसलिए अमर्यादित आरोप लगाती रहती है। प्रतुल ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन या कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी, सोनिया गांधी जब दूसरे प्रदेशों के चुनावी दौरे में जाते हैं तो उनकी सुरक्षा का खर्च केंद्र सरकार उठाती है।उस बात पर झामुमो को ऐतराज नहीं। हिमंता से झामुमो का डर सर चढ़कर बोलता है। झारखंड मुक्ति मोर्चा को पता है उनकी पूरी मिट्टी पलीद हो चुकी है और आगामी चुनाव में इनका का सुपड़ा साफ होने जा रहा है। इसलिए यह बदहवासी में कुछ भी कह रहे हैं।