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पार्टी में वापसी के बाद बोलीं पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव, कांग्रेस मेरे DNA में है

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द फॉलोअप डेस्क 

पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने कांग्रेस में वापसी के बाद कहा कि कांग्रेस पार्टी उनके डीएनए में शामिल है। उनका पूरा परिवार ही कांग्रेसी रहा है। गौरतलब है कि शनिवार को झारखंड कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय की उपस्थिति में पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने कांग्रेस में वापसी की है। कांग्रेस में उनकी ये वापसी 10 महीने के बाद हुई है। इस मौके पांडेय के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, मंत्री आलमगीर आलम, मंत्री बादल पत्रलेख, बंधु तिर्की और सुबोधकांत सहाय सरीखे वरिष्ठ नेता मौजूद थे। कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद गीताश्री उरांव ने कहा कि भला ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी, लेकिन पार्टी और पार्टी की विचारधारा हमेश उनके तनमन में रही। इसी का परिणाम है कि वे आज फिर से कांग्रेस में वापसी कर रही हैं। कहा कि मेरे माता-पिता भी कांग्रेसी रहे हैं। आज भी झारखंड की जनता मेरे माता-पिता के काम को याद करती है। 

किसने क्या कहा 

इस अवसर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा भारत जोड़ो यात्रा का परिणाम है कि लोगों का झुकाव कांग्रेस की ओर तेजी से बढ़ रहा है। गीताश्री उरांव आदिवासी महिला के रूप में काफी चर्चित रहीं हैं और आदिवासियों के बीच जाकर काम करना, उनके सुख-दुख में सहभागी बनना इनकी पहचान है। वहीं, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि आज खुशी की बात है कि गीताश्री उरांव जैसी मजबूत आदिवासी महिला की घर वापसी हो रही है। यह एक सुखद पल है। कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि शिक्षा मंत्री के रूप में गीताश्री उरांव की कार्य सराहनीय रहा है। इनकी पारिवारिक विचारधारा ही कांग्रेस की है।

सोनिया गांधी को लिखा था भावनात्मक पत्र 

10 महीने पहले गीताश्री उरांव ने पार्टी छोड़ते समय सोनिया गांधी को एक भावुक पत्र लिखा था। पत्र में गीताश्री उरांव ने कहा था कि प्रदेश की सरकार और सरकार में शामिल उनकी पार्टी झारखंडी जनभावना के अनुरूप काम करने में असफल रही है। उन्होंने कहा था कि मैं भारी मन से इस्तीफा दे रही हूं। बता दें कि गीताश्री उरांव सिसई विधानसभा सीट से विधायक रही हैं। प्रदेश की सरकार में शिक्षा मंत्री भी रह चुकी हैं। गीताश्री उरांव जनवरी से लेकर गर्मियों के मौसम तक 1932 के खतियान आधारित स्थानीयता की मांग को लेकर जारी आंदोलन में काफी मुखर रही थीं। केवल इतना ही नहीं, गीताश्री उरांव ने झामुमो के बागी विधायक लोबिन हेम्ब्रम के साथ भी मंच साझा किया था।