द फॉलोअप डेस्कः
राजधानी रांची में इनदिनों धड़ल्ले से जुए का कारोबार चल रहा है। पहले जहां खुलासा हुआ था कि जुए अड्डे पर फाइनांसर खुद मौजूद होकर जुआरियों को पैसे दिया करता है तो अब यह बात सामने आ रही है कि जुए के अड्डा का संचालन पुलिस के संरक्षण में हो रहा है। एक और भी खुलासा हुआ है जिसमें पता चला है कि जुए के अड्डे में उन्हीं जुआरियों को एंट्री मिलती थी जिसके पास कम से कम तीस हजार की रुपये होते थे।
कम रकम होने पर प्रवेश नहीं
पता चला है कि जिसके पास 30 हजार से कम रकम होता था, उसको प्रवेश नहीं करने दिया जाता था। जुआरियों को रकम दिखाकर घुसना होता है। इसके बाद उसे संचालक जुआ खेलने की परमिशन देता है। अड्डे में वैसे ही जुआरियों को घुसने की इजाजत थी जिसकी जानकारी संचालक को रहती है।
अपराधी भी होते थे अड्डे पर
अड्डे में कुछ आपराधिक किस्म के लोग भी रहा करते ताकि किसी तरह का विवाद होने पर अपराधी खुद से निपट लें। इसके लिए अपराधी को कमीशन दिया जाता था। सारी जानकारी पुलिस को भी रहती है। लेकिन पुलिस आंख मूंदे कर रहती है। कुछ दिन पहले गोंदा थानाक्षेत्र के मिसिर गोंदा में 20 जुआरियों को पकड़ा गया था तब जाकर पता चला था कि उनमें से 14 लोग पुलिसकर्मी थे। जिसे एसएसपी ने सस्पेंड कर दिया है।