रांची
राजकली फाउंडेशन के सचिव धर्मेंद्र तिवारी ने राजभवन में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से शिष्टाचार भेंट की। तिवारी ने राष्ट्रपति को पूज्य संत आसाराम जी बापू की बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बापू वर्तमान में मार्च 2025 तक पैरोल पर बाहर हैं, जहां उन्हें अपना इलाज करवाने का अवसर मिला है। हालांकि, तिवारी ने बापू के 86 वर्ष की आयु और उनकी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, उनकी स्थाई रिहाई के लिए राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। तिवारी ने इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट की अनुशंसा का भी उल्लेख किया, जिसमें कहा गया है कि 75 वर्ष से अधिक आयु के कैदियों को रिहा किया जाए, विशेषकर जब उनकी स्वास्थ्य स्थिति गंभीर हो। उन्होंने इस अनुशंसा का हवाला देते हुए बापू की स्थाई रिहाई की मांग को और मजबूत किया।
तिवारी ने पत्र में बापू के समाज और सनातन धर्म के लिए किए गए योगदान को विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि बापू ने न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक जागरूकता फैलाने का कार्य किया, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और आदिवासी गरीबों के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत भी की। बापू की शिक्षाओं ने लाखों लोगों को जीवन के सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया और उनके सामाजिक कार्यों से समाज के विभिन्न वर्गों को लाभ हुआ। तिवारी ने यह भी बताया कि बापू की खराब स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए, उन्हें तत्काल और बेहतर इलाज की आवश्यकता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस मामले को गंभीरता से लिया और तिवारी द्वारा सौंपे गए पत्र को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे पास फाइल आती है तो मैं सकारात्मक पहल करूंगी।