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जेल में बंद पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की मौत, कई जिलों में बढ़ाई गई सुरक्षा

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द फॉलोअप डेस्कः 
सजायाफ्ता बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी का निधन हो गया है। सूत्रों के अनुसार जेल में हार्ट अटैक आने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गयी। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद बांदा मेडिकल कॉलेज परिसर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी है। जानकारी के अनुसार बेहद गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल लाया गया था। अस्पताल की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि मुख्तार अंसारी को बेहोशी की हालत में लाया गया था। जहां उसे 9 डॉक्टरों की टीम के द्वारा चिकित्सा उपलब्ध करवायी गयी लेकिन ईलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गयी। 


सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुलाई आपात बैठक
मुख्तार अंसारी की मौत के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने आपात बैठक बुलाई। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी हालत में राज्य में कानून व्यवस्था में कोई तरह की दिक्कत नहीं हो। लॉ एंड आर्डर को लेकर राज्य के कई हिस्सों में प्रशासन को अर्लट किया गया है। इसी बीच, मऊ और गाजीपुर और बांदा में सुरक्षा बढ़ाई गई है। बांदा मेडिकल कॉलेज के बाहर बड़ी संख्या में पैरा मिलिट्री फोर्स की तैनाती की गई है। डीजीपी मुख्यालय ने सतर्कता बरतने के निर्दश दिए हैं। इधर, मुहम्मदाबाद मे मुख्तार के पैतृक घर मे लोगों का इकट्ठा होना शुरू हो गया है। मुख्तार के घर के आसपास पुलिस फोर्स तैनात की गई है। गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़ पुलिस को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। सोशल मीडिया में अफवाह, भड़काऊ, या आपत्तिजनक पोस्ट पर कार्यवाई के निर्देश दिए गए हैं। मुख्तार की मौत के बाद मऊ, बांदा और गाजीपुर में धारा 144 लागू कर दी गई है। मुख्तार के शव का पोस्टमार्टम शुरू हो गया है। पांच सदस्यीय डाक्टरों की टीम पोस्टमार्टम कर रही है।


65 से ज्यादा मुकदम दर्ज थे 
मुख्तार अंसारी पर 65 से ज्यादा मुकदमें दर्ज थे। 21 सितंबर 2002 को पहली बार सजा हुई थी। 2 केस में उम्र कैद की सजा हुई थी। 17 महीने में 8 बार सजा हुई थी। 21.09.2022 को एक मामले में लखनऊ में मुख्तार को सात साल की सजा और 37 हजार जुर्माना लगाया गया था। 23.09.2022 को एक अन्य मामले में लखनऊ की कोर्ट ने 5 साल सजा और 50 हजार जुर्माना लगाया था। 15.12.2022 को गाजीपुर में 10 साल की सजा और 5 लाख जुर्माना लगाया गया था।  29.04.2023 को गाजीपुर की कोर्ट ने 10 साल की सजा और 5 लाख जुर्माना लगाया था। 05.06.2023 को वाराणसी कोर्ट ने आजीवन कारावास और एक लाख जुर्माना की सजा सुनाई थी। 27.10.2023 को गाजीपुर की कोर्ट ने 10 साल की जेल और 50 हजार जुर्माना की सजा सुनाई थी। 15.12.2023 को वाराणसी कोर्ट ने 5 साल 6 महीने जेल की सजा और 10 हजार जुर्माना लगाया था। 13.03.2024 को वाराणसी कोर्ट ने फर्जी हथियार लाइसेंस मामले में आजीवन कारावास और दो लाख जुर्माना की सजा सुनाई थी। मुख्तार अंसारी ने अपराध की दुनिया में साल 1980 के दशक में कदम रखा। सबसे पहली बार उसका नाम मखनु सिंह गिरोह के साथ जोड़ा गया। 1990 के दशक में मऊ, गाज़ीपुर, वाराणसी और जौनपुर जिलों में हुए अपराधों में मुख्तार का नाम जुड़ता चला गया। माफिया ब्रिजेश सिंह से दुश्मनी जगजाहिर है। कोयला खनन, रेलवे निर्माण और अन्य क्षेत्रों में ठेकेदारों से पैसे वसूलने में भी अंसारी का नाम सामने आया। अपनी कुख्याति छवि के बावजूद मुख्तार अंसारी ने राजनीति में कदम रखा। पांच बार मऊ निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा सदस्य (एमएलए) चुना जाता रहा। बसपा के साथ इसका जुड़ाव रहा। 


 

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