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धनबाद : पूर्व जेलर ने कनाडा में पढ़ रहे बेटे को भेजे थे ₹15 लाख, ACB कर रही जांच

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द फॉलोअप डेस्क
ACB ने धनबाद के पूर्व जेलर अश्विनी तिवारी पर अपना शिकंजा कसा है। ACB ने उनके खिलाफ पीई दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।अश्विनी तिवारी पर पद पर रहते हुए आय से अधिक कमाई का आरोप है। ACB ने अश्विनी के खिलाफ पहले अगस्त 2022 में आईआर दर्ज की थी। जिसके बाद जांच में आय से अधिक संपत्ति के आरोप को सच पाया गया। जिसके बाद एसीबी ने सरकार से पीई दर्ज करने अनुमति मांगा था। विभागीय अनुमति मिलने के बाद अब एसीबी ने अपने जांच शुरू की है। बता दें कि साल 1985 में तिवारी की नियुक्ति जेल में बतौर क्लर्क हुई थी। पहले वह चास जेल में पोस्टेड रहे। क्लर्क रहते हुए चास मंडल कारा के प्रभार में वह साल 2004 तक रहे। इसके बाद उनकी तैनाती धनबाद जिले में हो गई थी। इस दौरान उन्होंने अकूल संपत्ति अर्जित कर ली। अपने बेटे को पढ़ने के लिए कनाडा भेजा। 15 लाख नगद उसके बैंक खाते में जमा कराए गए।

दिल्ली में एक फ्लैट खरीदा

जांच में यह भी सामने आया कि तिवारी ने इस दौरान दिल्ली में फ्लैट खरीदा। जिसकी कीमत करीब 60 लाख है। इतना ही नहीं तिवारी ने चास समेत कई शहरों में अचल संपत्ति में निवेश किया। सूचना के आधार पर पहले एसीबी ने उनके खिलाफ आइआर दर्ज कर आरंभिक जांच की था। जिसमें एसीबी को इन बातों की जानकारी मिली। इस वजह से मामले की गहराई से जांच के लिए एसीबी को सरकार से अनुमति की आवश्यकता थी। इस कारण एसीबी द्वारा मामले में पीई दर्ज करने के लिए एक प्रस्ताव तैयार करके सरकार के पास भेज दिया गया था। सरकार से अनुमति मिलने के बाद एसीबी ने पीई दर्ज कर संपत्ति की जांच शुरू कर दी है।

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