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Ranchi : झारखंड में जारी सियासी हलचल के बीच पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी दिल्ली तलब, अमित शाह से मुलाकात

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रांची: 

झारखंड में उठी सियासी तपिश दिल्ली में भी महसूस की जा रही है। लंबे वक्त से कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी प्रदेश में लगी सियासी आग में सत्ता की रोटी सेंकने की फिराक में है। इसकी थोड़ी सी तस्दीक होती भी दिख रही है जब बीजेपी विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को दिल्ली तलब किया गया है। जानकारी मिली है कि बाबूलाल मरांडी दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे। मुलाकात में झारखंड की मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा होगी। सियासी पंडितों की भाषा में इसे सत्ता की संभावनायें तलाशना कहते हैं। 

संकट में है हेमंत सोरेन सरकार
ये बात जगजाहिर है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कई कैबिनेट मंत्रियों पर लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों की वजह से झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बैकफुट पर है। बीजेपी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके छोटे भाई बसंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की मांग कर रही है। हालिया गिरिडीह दौरे में बाबूलाल मरांडी हेमतं सरकार पर जमकर बरसे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर खनन पट्टा का लीज हासिल करने का आरोप है। मामला केंद्रीय निर्वाचन आयोग में विचाराधीन है। 

 हेमंत सोरेन पर बरसे बाबूलाल मरांडी
बाबूलाल मरांडी कहते हैं कि इतिहास में कभी ऐसा उदाहरण नहीं देखा कि मुख्यमंत्री ने अपने नाम से खनन पट्टा आवंटित करा लिया हो। ग्रामीण विकास मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और पेयजल मंत्री भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में घिरे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर औऱ विधायक बसंत सोरेन की सदस्यता पर बन आई है। रामेश्वर उरांव पर भी नामांकन में गलत दस्तावेज पेश करने का आरोप है। 

चौतरफा घिरी है गठबंधन की सरकार
झारखंड में जारी राजनीतिक हलचल के बीच बीजेपी सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही। पहले ही तालमेल की कमी की वजह से संकटों से घिरी गठबंधन सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से चौतरफा आलोचना का सामना कर रही है। बीजेपी इस मौके को हाथ से नहीं जाने देना चाहती। 

बीजेपी के लिए विद्यमान हैं सारी परिस्थिति
एक तो भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप औऱ दूसरा गठबंधन की पार्टियों के बीच लगभग हर मुद्दे पर मतभेद। यही नहीं, पार्टी के भीतर भी शीत युद्ध चल रहा है। जहां कांग्रेस में कई विधायक मंत्रियों के कामकाज से नाराज हैं। हाल ही में कांग्रेस के 4 विधायकों ने दिल्ली में बुलाई गई बैठक के बाद रांची में अलग मीटिंग की थी।

दूसरी तरफ, झारखंड मुक्ति मोर्चा भी खतियान और भाषा को लेकर दोफाड़ की स्थिति है। कुल मिलाकर, झारखंड में वो सारी परिस्थितियां बनकर तैयार है जहां बीजेपी हाथ आजमाने का कोई मौका नहीं छोड़ती। वैसे भी। खुद कांग्रेस प्रभारी और झामुमो के कई वरिष्ठ नेता कह चुके हैं कि बीजेपी राज्य में सरकार गिराने की साजिश कर रही है। 

किसी तरह सरकार बचाने की जुगत
इधर, जहां झामुमो-कांग्रेस गठबंधन किसी तरह सरकार बचाए रखने की जुगत में लगी है, बीजेपी ने 60 वोटर 1 समिति की अपनी योजना पर काम शुरू कर दिया। पूछने पर कहते हैं कि 2024 की तैयारी है लेकिन सियासी पंडित कहते हैं कि बीजेपी की तैयारियां हमेशा दूरगामी परिणामों पर आधारित नहीं होतीं बल्कि वो कभी भी पांसा पलटने में यकीन रखती है।