द फॉलोअप डेस्क
बीजेपी की दिग्गज नेता और पूर्व विधायक लुईस मरांडी ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कल ही झामुमो की सदस्यता ग्रहन कर ली है। उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को पत्र लिख कर इस्तीफा दिया है। उन्होंने पत्र में कहा कि 24 साल बीजेपी में काम करने में उन्हें सुखद परिणाम मिला। लेकिन पार्टी में कुछ समय से गुटबाजी, कार्यकर्ताओं की निष्ठा पर शक और अनुशासन की धज्जियां उड़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें 2024 के विधानसभा चुनाव की तैयारी दुमका से करने व चुनाव लड़ने का हरसंभव भरोसा दिया गया था। लेकिन टिकट नहीं मिलने से वे निराश हैं।
बता दें कि 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार लुईस मरांडी चुनावी मैदान में उतरी थीं। उन्होंने दुमका सीट से चुनाव लड़ा था। उन्होंने झामुमो के दिग्गज नेता व वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पराजित कर बीजेपी की बुनियाद दुमका में मजबूत की थी। इसके बाद उन्हें झारखंड सरकार में समाज कल्याण मंत्री बनाया गया था। लेकिन आज आलम यह है कि लुईस मरांडी ने जिन्हें पराजित किया था आज उन्हीं की पार्टी में शामिल हो रही हैं।
उन्होंने पत्र में अपने इस्तीफा का कारण बताते हुए कहा कि पिछले 24 वर्षों से वे भाजपा से जुड़ी रही हैं और इस दौरान पार्टी के उतार-चढ़ावों में साथ खड़ी रहीं। लेकिन हाल के दिनों में पार्टी के भीतर गुटबाजी और बाहरी लोगों के हावी होने से वह असंतुष्ट थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी नेतृत्व समर्पित कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर रहा है और अनुशासनहीनता का माहौल बन गया है। इसके अलावा, 2024 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी उम्मीदवार सीता सोरेन द्वारा उन पर और अन्य निष्ठावान कार्यकर्ताओं पर लगाए गए आरोपों से वे आहत थीं। उन्होंने पार्टी पर महिलाओं को सम्मान नहीं देने का आरोप भी लगाया। इस्तीफे में उन्होंने पार्टी के सभी वरिष्ठ और कनिष्ठ कार्यकर्ताओं का आभार जताते हुए कहा कि अब वे अपने राजनीतिक भविष्य का निर्णय दुमका की जनता के आशीर्वाद से करेंगी।