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परीक्षा एजेंसी के कर्मियों ने लीक किया JSSC CGL का पेपर, पूछताछ जारी

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द फॉलोअप डेस्क
JSSC-CGL पेपर लीक मामले में SIT की टीम ने 11 लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें से 2 लोग को गिरफ्तारी चेन्नई से हुई है। नों युवक परीक्षा एजेंसी सतवत इंफो प्रा. लि. के ​कर्मचारी हैं। इनसे पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के दौरान पता चला है कि परीक्षा एजेंसी से ही पेपर लीक हुआ है। एजेंसी के कर्मियों द्वारा ही पेपर लीक किया गया था। गिरफ्तार युवकों से पूछताछ में पता चला कि एक को रांची में जेएसएससी के साथ को-ऑर्डिनेशन बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी। वहीं दूसरे को चेन्नई स्थित परीक्षा एजेंसी सतवत इंफो से समन्वय बनाना था। पेपर लीक होने के बाद तीन फरवरी को दोनों कर्मचारी चेन्नई चले गए थे।


कोई भी जेएसएससी कर्मचारी नहीं है 
बता दें कि जिन 11 लोगों को हिरासत में लिया गया है उनमें से कोई भी जेएसएससी का कर्मचारी नहीं है। इनमें से कुछ ऐसे लोग हैं, जिन्होंने प्रश्न पत्र को वायरल करने का काम किया था। इसके अलावा अप्रत्यक्ष तरीके से ऐसा कर लाभ लेने का प्रयास किया था। वहीं दूसरी ओर इस मामले में छह अन्य संदिग्ध को भी पूछताछ के लिए लाया गया है। इस मामले में रांची के जोनल आइजी के आवासीय कार्यालय में 8 फरवरी को जेएसएससी के कनीय पदाधिकारियों से भी पूछताछ की गई थी। पूछताछ के बाद जेएसएससी के अफसरों ने एसआईटी के पदाधिकारियों पर आरोप लगाया है कि उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने इस संबंध में मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा है। बताया गया है कि 8 फरवरी को संबंधित पदाधिकारियों को जोनल आईजी कार्यालय बुलाया गया। जांच में सभी से सहयोग करने की बात कही गई। लेकिन, वरीय पुलिस अधिकारियों ने प्रश्न पत्र लीक करने को वालों संदिग्धों के नाम बताने के लिए दबाव बनाया। अमर्यादित व्यवहार किया गया।  

कर्मचारियों को प्रताड़ित करने का आरोप एसआईटी पर 
आयोग के सभी पदाधिकारी और कर्मी भयभीत है। वर्तमान अध्यक्ष भी पदाधिकारियों और कर्मियों को सहयोग नहीं कर रहे है। उनकी कार्यशैली से आयोग के कर्मी निराश हैं। इधर, एसएसपी रांची ने एसआईटी की मदद के लिए 4-4 सदस्यों की टीमें बनाई है। आयोग के अधिकारियों ने एसआईटी को बताया है कि सभी प्रक्रियाएं आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से होती है। परीक्षार्थियों का परीक्षा केंद्र कहां होगा। प्रश्नों का चयन कौन विशेषज्ञ करेंगे। प्रश्न कौन से होंगे और उनके उत्तर क्या होंगे। इस संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी आयोग के किसी भी स्तर के कर्मचारी या पदाधिकारी को नहीं होती है।

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