logo

25 साल बाद भी झारखंड के हरिजनों की हालत बदतर, न योजना ज़मीन पर उतरी, न आयोग ही बना सक्रिय: वित्त मंत्री

ीो्पो4.jpg

द फॉलोअप डेस्क
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कई बड़ी बातों का उल्लेख किया है। उन्होनें हरिजन जाति के लोगों के लिए चिंता जाहिर की है। वित्त मंत्री ने कहा है कि झारखंड में हरिजन जाति के लोगों की स्थिति आदिम जमजाति से भी बदतर है। वित्त मंत्री ने कहा कि झारखंड राज्य गठन के लगभग 25 वर्ष पूरा होने जा रहा है। झारखंड में अनुसूचित जाति की संख्या लगभग 50 लाख है। आज भी झारखण्ड के हरिजन जाति के लोग सामाजिक-आर्थिक दृष्टिकोण से काफी पिछड़े हुए हैं। हरिजन वर्ग के लोग भूमिहीन हैं और मजदूरी कर अपनी जीविका चलाते हैं। सफाई कर्मचारी, चर्मकार, भुईयां, मुसहर जाति की स्थिति राज्य के आदिम जनजाति से भी बदतर है। घोर गरीबी के कारण महिलाएं व बच्चे खून की कमी और कुपोषण से ग्रसित हैं। उनके आर्थिक उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाएं मुर्गी, बकरी एवं सूकर पालन तक हीं सीमित है। 

उन्होंने कहा कि 2019 के विधान सभा चुनाव में हरिजन जाति के वोट प्राप्त करने के लिए वर्ष 2018 में भाजपा शासन काल में अनुसूचित जाति आयोग का गठन किया गया था। आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति भी कर दी गई थी। लेकिन आयोग में किसी भी पदाधिकारी के पदस्थापना नहीं होने के कारण अनुसूचित जाति आयोग कभी भी क्रियाशील नहीं रहा। वर्तमान में अनुसूचित जाति राज्य आयोग तो अस्तित्व में ही नहीं है। इसी तरह झारखण्ड के हरिजन जाति के संरक्षण एवं सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए नीति तैयार करने के उद्देश्य से अनुसूचित जाति परामर्शदात्री परिषद का गठन किया था। नियमावली भी बना दी गयी थी। 17 वर्षों से अनुसूचित जाति परामर्शदात्री परिषद कल्याण विभाग भी संचिकाओं में ही दर्ज होकर रह गयी। यह झारखण्ड के अनुसूचित जाति के साथ क्रूर मजाक की तरह है। अब यह स्पष्ट हो चुका है कि भाजपा शासन काल में राज्य के हरिजन जातियों के साथ राजनैतिक दृष्टिकोण से "उपयोग करो और फेंक दो" का सिद्धांत अपनाया गया है। 

वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही हरिजन जाति के लिए राज्य आयोग तथा परामर्शदात्री परिषद जिसका उल्लेख वित्तीय वर्ष 2025-26 बजट में भी किया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा है कि राज्य के हरिजन वर्ग के लोगों को इंडिया गठबंधन से बहुत उम्मीदें है। इसलिए आपसे अनुरोध है कि अनुसूचित जाति राज्य आयोग और अनुसूचित जाति परामर्शदात्री परिषद को पुर्नजीवीत करते हुए शीघ्र अधिसूचना जारी करने का कष्ट करें