चाईबासाः
चाईबासा इलाके में हाथी के दांत तस्करी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक ईडी केंद्रीय एजेंसी धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मामले की जांच कर रही है। एजेंसी को पता चला था कि हाथी दांत की तस्करी की गई है। पता चला है कि ईडी तस्करी के पीछे सिंडिकेट से जुड़े लोगों की जांच करेगा। आरोपियों की संपत्तियां भी कुर्क की जा सकती है। मामला चाईबासा जिले के मंझारी थाना केस से जुड़ा है।
हाथी के दांत से अकूत संपत्ति अर्जित
बता दें कि चाईबासा के आसपास के घने जंगलों में काफी संख्या में जंगली हाथी पाए जाते हैं। इन्ही हाथियों की दांत की तस्करी कर कई लोगों ने काफी संपत्ति अर्जित कर ली है। अब ईडी की टीम ऐसे तस्करों को लेकर आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच कर रही है। गौरतलब है कि सितंबर 2020 को चाईबासा जिले के तत्कालीन खड़बंधु और कुमारडुंगी के प्रभारी वनपाल हरिश चंद्र चातोम्बा ने मंझारी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया था।
बिजली की चपेट में आने से मौत हो जाती है
जांच में मालूम हुआ है कि किसान रात को खेत के चारों तरफ तार से घेराव कर बिजली प्रवाहित कर देते है। बिजली की तार की चपेट में आने से हाथी की मौत हो जाती है। जांच में यह बात भी सामने आयी है कि खेत गोपाल बिरुवा उर्फ राजा बिरुवा का है। तार में करंट प्रवाह गोपाल बिरुवा ने ही किया था। वहीं हाथी के दांत को कृष्ण बिरुवा और गोपाल बिरुवा ने काटा था। जानकारी के मुताबिक आरोपी कृष्णा बिरुवा इस कारोबार का सरगना है। आरोपी ओडिशा के जसीपुर थाना अंतर्गत अब्दुल माजिद को हाथी दांत बेचता था।