धनबाद:
राज्य के शिक्षा मंत्री जगरन्नाथ महतो द्वारा भोजपुरी, मगही भाषा के विरोध करने के बयान पर राज्य में भोजपुरी, मगही, मैथली और अंगिका भाषा समाज के लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है। इसी क्रम में निरसा के कुमारधुबी चौक पर समाज के लोगों द्वारा शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का पुतला दहन किया गया। मौके पर अजय चौधरी ने कहा कि सरकार भाषा के आधार पर राज्य की जनता को लड़ाने का काम कर रही है। रोजगार देने में सरकार सफल नहीं है।
रोजगार देने में सफल नहीं रही सरकार
उन्होंने कहा कि युवा पढ़ाई करके कर दर-दर भटक रहे है और सत्ता के मंत्री भोजपुरी और मगही जैसी भाषा का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा अगर राज्य सरकार भोजपुरी मगही और अंगिका भाषा को दिए गए मान्यता से हटाने का काम करेगी तो हम लोग भी आने वाले समय में पुरजोर विरोध करेंगे। वर्तमान झामुमो की सरकार भाषा का विरोध करने वाले आंदोलनकारियों से नहीं बनी है।
सभी लोगों ने मिलकर बनाई थी सरकार
लोगों ने कहा कि सभी भाषा, धर्म व जाति के लोगों ने वोट देकर राज्य में हेमंत सोरेन की सरकार बनाई थी। हमारे दादा-परदादा करीब 80 साल से झारखंड में बसे हैं। सन 2000 में झारखंड का स्थापना हुआ था। राज्य पहले बिहार था। किस आधार पर 1932 का खतियान लागू करने की बात कर रहे हैं। राज्य विनाश की ओर जा रहा है।
अगर सरकार भाषा को हटाने का काम करेगी तो आने वाले समय मे भोजपुरी, मगही, अंगिका और मैथिली भाषा समाज के लोग विधानसभा घेराव का काम करेंगे।