द फॉलोअप डेस्क
झारखंड के जमशेदपुर में 1393 करोड़ के बैंक घोटाला मामले में ईडी रेड कर रही है। वहीं जमशेदपुर के अलावा दिल्ली, गुरुग्राम, महेंद्रगढ़ और बहादुरगढ़ के 15 ठिकानों पर ईडी की टीम पहुंचकर तलाशी ले है। गौरतलब है कि सीबीआई ने 1392.86 करोड़ के बैंक घोटाले का पर्दाफाश किया था। जांच एजेंसी ने इस मामले में दिल्ली की कंपनी एलायड स्ट्रिप्स, उसके तीन डायरेक्टर, जमशेदपुर की कंपनी हाईकार्ट इंजीनियर्स लिमिटेड सहित नौ कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। जिसके बाद ईडी इस मामले की जांच कर रही है।
क्या है मामला
दरअसल, मेसर्स एलाइड स्ट्रिप्स लिमिटेड नाम की एक कंपनी है। उसके जरिये 1392 करोड़ रुपये का लोन लिया गया, जिसे कभी वापस नहीं लौटाया गया। एलायड स्ट्रिप्स ने पांच बैंकों से 931 करोड़ का लोन लिया था। लोन की रकम आठ कंपनियों को थमा दी। अब बैंकों की लोन बढ़कर 1392।86 करोड़ रुपए हो गयी। एलायड ने जमशेदपुर के आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया की स्टील मैन्युफैक्चरिंग कंपनी हाईकार्ट इंजीनियर्स को भी मशीन खरीदारी के नाम पर 7।50 करोड़ दिये थे। पर न तो कंपनी ने मशीन की सप्लाई की और न ही एलाइड स्ट्रिप्स ने पैसे वापस मांगे। इस मामले में सीबीआई ने कंपनी और उसके प्रमोटर्स मोहिंदर अग्रवाल और गौरव अग्रवाल समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था। बाद में ईडी ने इस मामले में अलग से प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट यानी पीएमएलए के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी।
साल 2000 में लिया था लोन
एलायड ने वर्ष 2000 में दिल्ली के केनरा बैंक से 356 करोड़, यूको बैंक से 202 करोड़, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (अब पीएनबी) से 167 करोड़, पीएनबी से 136 करोड़ और बैंक ऑफ बड़ौदा से 70 करोड़ का लोन लिया था। फिर ईएमआई देना बंद कर दिया। बैंकों ने जब नोटिस भेजा तो डायरेक्टर्स ने नवंबर 2012 में कंपनी की आर्थिक स्थिति खराब बताते हुए लोन की रकम को रिवाइज करने का आवेदन दिया। बैंकों ने जब फॉरेंसिक ऑडिट कराई तो पता चला कि एलायड स्ट्रिप्स ने लोन की राशि वैसी कंपनियों को ट्रांसफर कर दी है, जो एलायड से ही जुड़ी थीं।