द फॉलोअप डेस्क
रिम्स के हॉस्टल नंबर 5 के पीछे गुरुवार को डॉ मदन की जली लाश मिली थी। यह हत्या है या आत्महत्या इसकी जांच में पुलिस जुट गई है। डॉ मदन की मौत मर्डर या सुसाइड इसका खुलासा 4 सैंपल में होगा। इसमें बोन पीस, बिसरा, हार्ट ब्लड पंचर व क्लॉथ ऑफ बॉडी के सैंपल शामिल किए गए हैं। इन जांच से यह पता लगाया जाता है की मौत किस तरह से और किस कारण से हुई है। इस मामले में जहर दिया गया था या नहीं,इसकी भी जांच हो सकेगी। साथ ही किसी अंग का फेलियर हुआ है,इसकी भी जानकारी मिलेगी। दूसरी ओर डॉ मदन के पिता ने कहा कि उनके बेटा आत्महत्या नहीं कर सकता है। उसकी साजिश के तहत हत्या की गई है।
फफक कर रो पड़े पिता
डॉ मदन के पिता शुक्रवार को जब रिम्स पहुंचे। अस्पताल में मर्चरी में मदन के रखे गए शव को जब पिता को दिखाया गया तो वह बेहोश हो गए। वहीं जब पिता को हॉस्टल नंबर 5 के रूम नंबर 79 में ले जाया गया तो कमरे में घुसते ही वह फफक कर रोने लगे। कमरे में पड़े बेटे के समान को गले लगाकर पिता काफी देर तक रोते रहे। उनके साथ वहां पहुंच मृतक के मामा व अन्य परिजनों ने उनका ढाढस बधाया। मिली जानकारी के अनुसार जब डॉ मदन के मामा और पिता तमिलनाडु से रांची पहुंचे तो उनके लिए राजभवन की ओर से गाड़ी उपलब्ध कराई गई। उसी वाहन से वह बरिसातू गए। बता दें कि डॉ मदन रिम्स के फॉरेंसिक एंड मेडिसिन डिपार्टमेंट के सेकंड इयर के छात्र थे।
ढाई लाख रुपये मुआवजा देने की मांग
वहीं डॉक्टर मदन की मौत मामले में सख्ती से जांच और उन्हें न्याय दिलाने के लिए रिम्स के चिकित्सकों द्वारा शुक्रवार को कैंडल मार्च निकाला गया। इसमें आईएमए के चिकित्सक भी शामिल हुए। इस दौरान रिम्स प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। चिकित्सकों ने कहा कि यह आत्महत्या नहीं है। हत्या को लेकर उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। छात्रों ने मृत चिकित्सक को रिम्स की ओर से ढाई लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है।
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