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कैंसर को अधिसूचित बीमारियों की श्रेणी में शामिल करने की मांग संसद में उठी

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द फॉलोअप डेस्कः 
सांसद संजय सेठ ने आज लोकसभा में नियम 377 के तहत कैंसर को अधिसूचित बीमारी की सूची में डालने से संबंधित मामला उठाया। सांसद सेठ ने लोकसभा में कहा कि कैंसर की बीमारी देश की बड़ी समस्या बन चुकी है। देश में यह जिस गति से बढ़ रही है, वह भयावह है। इस दिशा में हमें ठोस काम करने की आवश्यकता है। आंकड़ों पर चर्चा करते हुए संजय सेठ ने बताया कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ भारत में औसतन हर नौवें आदमी को कैंसर है। नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम के आंकड़े के मुताबिक़ साल 2018 से 2022 के बीच भारत में साढ़े 38 लाख  से भी अधिक कैंसर मरीज़ों की मौत हुई है। मेरे राज्य झारखंड में भी इसी दौरान 93 हजार 648 लोगों की मौत कैंसर से हुई है। सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संवेदनशील नेतृत्व में हमने देश के कल्याण लिए कई काम किए हैं। 


हर केस की ट्रैकिंग कर सकेंगे
उन्होंने संसद में अनुरोध किया कि कैंसर की भयावह स्थिति के मद्देनज़र इसे तत्काल अधिसूचित बीमारियों की श्रेणी में डाला जाए। इससे हम हर केस की ट्रैकिंग कर सकेंगे। और फिर हमारे पास सटीक आंकड़े भी होंगे। इससे हम कैंसर से ज़्यादा मज़बूती से लड़ पाएँगे। कैंसर से संबंधित मामलों के लिए बनी संसदीय समिति पहले ही इसकी सिफ़ारिश कर चुकी है। श्री सेठ ने स्थिति की भयावहता को देखते हुए कहा कि अब जरूरी है कि कैंसर को अधिसूचित बीमारियों की श्रेणी में डाला जाए। इसके रिसर्च और क्लिनिकल ट्रायल्स को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया जाए ताकि इसकी भयावहता को हम रोक सकें।

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