गढ़वा
झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (JTET) नियमावली-2025 को लेकर गढ़वा जिले में एक बार फिर भाषाई असंतोष उभरकर सामने आया है। जिले की प्रमुख भाषाओं—हिंदी, भोजपुरी और मगही—को क्षेत्रीय भाषाओं के रूप में शामिल न किए जाने को लेकर युवाओं में गहरा असंतोष व्याप्त है। इसी सिलसिले में मंगलवार को जागरूक युवाओं एवं झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रतिनिधियों ने उपायुक्त को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें इन भाषाओं को शिक्षक पात्रता परीक्षा की क्षेत्रीय भाषा सूची में शामिल करने की मांग की गई।
ज्ञापन में स्पष्ट किया गया है कि भोजपुरी, मगही और हिंदी न केवल जनसामान्य की संवाद भाषा हैं, बल्कि वे गढ़वा की सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान का भी अभिन्न हिस्सा हैं। इसके बावजूद, JTET की नवीन नियमावली में इन भाषाओं की अनदेखी की गई है, जिसे स्थानीय लोग दुर्भाग्यपूर्ण और भेदभावपूर्ण मान रहे हैं।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि पूर्व में इस मुद्दे को पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर एवं भवनाथपुर विधायक आनंद प्रताप देव द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष उठाया जा चुका है। अब उसी मांग को आगे बढ़ाते हुए युवाओं ने प्रशासन से शीघ्र ठोस पहल की अपेक्षा जताई है।
उल्लेखनीय है कि प्राथमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों/अधीक्षकों से उनके-अपने क्षेत्रों में प्रचलित क्षेत्रीय भाषाओं पर सुझाव मांगे गए हैं। यह गढ़वा के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जब स्थानीय प्रशासन इन भाषाओं को मान्यता दिलाने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है। ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधियों ने मांग की है कि उपायुक्त संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दें कि गढ़वा जिले की क्षेत्रीय भाषाओं के रूप में हिंदी, भोजपुरी और मगही को सूचीबद्ध कर प्राथमिक शिक्षा निदेशालय को शीघ्र सुझाव भेजे जाएं।
इस पहल से न केवल स्थानीय भाषाओं और संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय अभ्यर्थियों को JTET में भागीदारी का समान अवसर और सुविधा भी प्राप्त होगा। जिले में इस मुद्दे को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया देखी जा रही है और शीघ्र कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।
इस अवसर पर झामुमो के केंद्रीय सदस्य धीरज दुबे सहित हरिओम यादव, अविनास द्विवेदी, सौरभ सिंह, प्रियम सिंह, नवीन तिवारी, आर्यन सिंह, मयंक द्विवेदी, आकाश कुमार, रवि ठाकुर, अंकित कुमार, शैलेंद्र साह, अंजन सिंह, आनंद पांडेय और दीपक कुशवाह उपस्थित थे।