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Ranchi : स्पीकर रविंद्रनाथ महतो से मिला झारखंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल, रखी मांग

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रांची: 

भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ की झारखंड राज्य इकाई झारखंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने पत्रकारों की लंबित मांगों को लेकर विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो से मुलाकात की। रविवार को एसोसिएशन ने संदर्भ को लेकर 10 सूत्री मांग पत्र विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा।

इस दौरान जेजेए के संस्थापक सह भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के राष्ट्रीय महासचिव शाहनवाज हसन, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु शंकर उपाध्याय, प्रदेश उपाध्यक्ष अजय ओझा, वरिष्ठ पत्रकार ललन पांडेय व नइमुद्दीन खान ने झारखंड के पत्रकारों की परेशानियों पर चिंता जताते हुए विधानसभा अध्यक्ष से उनके निदान की दिशा में समुचित कदम उठाने की मांग की। जेजेए ने पत्रकारों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने के लिए झारखण्ड के समस्त पत्रकारों की ओर से राज्य सरकार का आभार जताया। 

स्पीकर ने दिया है ठोस आश्वासन
जेजेए के प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्र महतो से कहा, "महोदय, झारखण्ड के पत्रकारों की लम्बे समय से लम्बित मांगों को आप के समक्ष पुनः रखा जा रहा है। आप ने संगठन की प्रदेश इकाई को आश्वासन दिया था कि इस पर जल्द ही विचार कर निर्णय लिया जायेगा। आप से झारखंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन आग्रह करता है कि पत्रकारों की इन मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर पूरा किया जाये। विधानसभा अध्यक्ष ने प्रतिनिधिमंडल को इस दिशा में समुचित कदम उठाने का आश्वासन दिया।

पत्रकार संघ की मुख्य मांग

1 . पत्रकारों को संवैधानिक संरक्षण देने के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाये। चूंकि, यह केन्द्र सरकार का मामला है, केन्द्र सरकार द्वारा जब तक इस पर निर्णय नहीं लिया जाता, छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की तर्ज़ पर झारखण्ड में भी पत्रकारों की सुरक्षा के लिए जिलावार समिति का गठन किया जाये।


2 . झारखण्ड सरकार लघु व मध्यम समाचार पत्रों के विज्ञापन नीति पर पुनर्विचार करे। उत्तरप्रदेश सरकार की तर्ज़ पर मान्यता प्राप्त समिति का गठन किया जाये।


3 . प्रखंड/अंचल एवं जिला स्तर के संवाददाताओं को मान्यता दी जाये। मान्यता के लिए जिला स्तर पर समिति का गठन किया जाये। 


4 . पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ होते हैं, बावजूद इसके पत्रकारों को संवैधानिक संरक्षण अबतक प्राप्त नहीं  हुआ है। कई पत्रकारों को अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपनी जान गंवानी पड़ी है। ड्यूटी के दौरान अथवा किसी मिशन पर काम करते हुए पत्रकार एवं मीडियाकर्मी की मृत्यु होने पर उनके परिजन को 10 लाख का मुआवजा और परिजनों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जाये।


5 . झारखण्ड में पत्रकार पेंशन योजना लागू है। बावजूद इसके अबतक इस योजना का लाभ झारखण्ड के सेवानिवृत्त पत्रकारों को नहीं मिल रहा है। आप से पुनः आग्रह है कि योजना का लाभ सेवानिवृत्त पत्रकारों को दिया जाये।


6 . पत्रकार स्वास्थ्य बीमा योजना आप द्वारा झारखण्ड में लागू किया गया है। इस योजना का लाभ सबसे अधिक ज़रूरतमंद आंचलिक पत्रकारों को पहुंचाने के लिए इसमें आंशिक संशोधन की आवयश्कता है। योजना का लाभ लेने के लिए शैक्षणिक योग्यता को समाप्त किया जाये।


7 . झारखंड के समस्त 24 जिलों में भूमिहीन पत्रकारों को भूखंड आवंटन किया जाये। शहरी क्षेत्र में किराये पर रहनेवाले पत्रकारों के लिए सरकारी भवन सरकारी मासिक किराये पर उपलब्ध कराया जाये।


8 . झारखण्ड के सभी जिलों में जहां प्रेस क्लब का अपना भवन नहीं है, प्रेस क्लब भवन का  निर्माण कराया जाये। जिन जिलों में प्रेस क्लब का अपना कोई भवन नहीं है, जब तक भवन निर्माण नहीं होता, तब तक जिला समाहरणालय में एक कमरे की व्यवस्था की जाये।


9 . पत्रकारों के ऊपर मुकदमे दर्ज होने पर उनके विरुद्ध तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जाये, जब तक उस पर पत्रकारों के लिए गठित जिलावार समिति निर्णय नहीं लेती। उपायुक्त की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाये, जिसमें सांसद, विधायक, बार काउंसिल के अध्यक्ष एवं जिला के 5 वरिष्ठ पत्रकारों को सदस्य के रूप में मनोनीत किया जाये।


10 . झारखण्ड में अब तक जिन पत्रकारों की हत्याएं हुई हैं, उनके परिजनों को लंबे समय से नौकरी की प्रक्रिया लंबित है, इस पर यथाशीघ्र निर्णय लिया जाये।