द फॉलोअप डेस्कः
गोड्डा से बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे के विवादित बयान के बाद राजनीतिक गलियारों तूफान आ गया है। कांग्रेस के नेता निशिकांत दुबे पर हमलावर हैं। इसी बीच झारखंड की ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने भी निशिकांत दुबे पर हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि "निशिकांत दुबे की ज़ुबान नहीं फिसली, ये मोदी सरकार की सोची-समझी रणनीति है — सुप्रीम कोर्ट को दबाने, डराने और बदनाम करने की। जब CJI पर ‘गृहयुद्ध’ भड़काने का आरोप लगाया जाता है, तो समझिए कि सत्ता के अहंकार ने अब लोकतंत्र की जड़ें हिलाने की ठान ली है। ये सीधा अपमान है संविधान का, न्यायपालिका का और देश के हर नागरिक का। सत्ता की सनक में अंधे हो चुके हैं — पर ये भारत है, यहाँ अदालतें बिकती नहीं, झुकती नहीं।"
निशिकांत दुबे की ज़ुबान नहीं फिसली, ये मोदी सरकार की सोची-समझी रणनीति है — सुप्रीम कोर्ट को दबाने, डराने और बदनाम करने की। जब CJI पर ‘गृहयुद्ध’ भड़काने का आरोप लगाया जाता है, तो समझिए कि सत्ता के अहंकार ने अब लोकतंत्र की जड़ें हिलाने की ठान ली है। ये सीधा अपमान है संविधान का,… pic.twitter.com/AFJtQZRXiK
— Dipika Pandey Singh (@DipikaPS) April 20, 2025
दीपिका पांडेय यहीं नहीं रूकीं उन्होंने एक ट्वीट कर कहा है कि "सत्ता के नशे में बौखला गए हैं निशिकांत दुबे। उन्होंने सिर्फ सुप्रीम कोर्ट पर नहीं, बल्कि भारत के संविधान, न्यायपालिका और आम नागरिक के विश्वास पर सीधा हमला किया है। जब भ्रष्टाचार और सत्ता की मिलीभगत बेनकाब होती है, तब ऐसे नेता बकवास की भाषा में उतर आते हैं। लोकतंत्र को जेब में रखने का सपना देखना छोड़िए — ये देश अब चुप नहीं बैठेगा।
आगे उन्होंने लिखा कि "सुप्रीम कोर्ट केवल न्याय का मंदिर नहीं, बल्कि लोकतंत्र की अंतिम चौकी है। जो इसकी गरिमा पर हमला करता है, वह संविधान की आत्मा को ललकारता है।” निशिकांत दुबे जैसे लोग खुद अपनी भाषा पर नियंत्रण नहीं रख सकते, वो लोकतंत्र की संस्थाओं पर सवाल उठाने लगे हैं। निशिकांत दुबे का सुप्रीम कोर्ट पर हमला सिर्फ एक टिप्पणी नहीं, बल्कि देश की न्यायिक आत्मा पर हमला है। जनता सब देख रही है — लोकतंत्र को कमजोर करने वालों को माफ़ नहीं किया जाएगा।”