द फॉलोअप डेस्क
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विदेश यात्रा को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर कहा, ''आज प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है, दिनदहाड़े हत्याएं हो रही हैं, बिजली संकट गहराया हुआ है और इन सबके बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी विधायक पत्नी को साथ लेकर एक बड़े सरकारी प्रतिनिधिमंडल के साथ स्वीडन और स्पेन की यात्रा पर रवाना हो रहे हैं।
यदि इस यात्रा का उद्देश्य विदेशी निवेश लाना है, तो सबसे बड़ा सवाल है कि उद्योग मंत्री को क्यों नहीं साथ ले जाया जा रहा है? उद्योग विभाग के सचिव और निदेशक तो इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं, लेकिन उद्योग मंत्री का नाम सूची से नदारद है। क्या निवेश की बातचीत में मंत्री की कोई भूमिका नहीं? ऐसा पहली बार नहीं हो रहा। सुना है कि कोलकाता में हुई एक महत्वपूर्ण निवेश बैठक में भी उद्योग मंत्री को अपमानित कर अंतिम समय पर शामिल होने से रोक दिया गया था और उनके स्थान पर हेमंत सोरेन अपनी पत्नी को साथ ले गए थे।
हेमंत जी, यदि यह यात्रा सरकारी है, तो उद्योग मंत्री की जगह कल्पना सोरेन किस हैसियत से शामिल हो रहीं हैं? यदि यह निजी यात्रा है, तो फिर सरकारी खजाने से खर्च कर अधिकारियों की फौज क्यों भेजी जा रही है? चौंकाने वाली बात यह भी है कि प्रतिनिधिमंडल में एक ऐसे सेवानिवृत्त IFS अधिकारी को भी शामिल किया गया है जिनकी 'ख्याति' से पूरा प्रदेश परिचित है। हेमंत सोरेन सरकार में सहयोगी दलों के मंत्रियों को अपमानित करना अब एक परंपरा बनता जा रहा है। सारे विभागों से निर्णय लेने की शक्ति अघोषित तौर पर मुख्यमंत्री जी के विधायक पत्नी को दी जा चुकी है।