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रांची में निपाह वाइरस का ख़तरा, केरल से चलने वाली ट्रेन बन सकती है वजह

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द फॉलोअप डेस्कः 
केरल में निपाह वायरस से संक्रमित दो लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों के सीधे संपर्क में आए 15 लोगों को हाई रिस्क की कैटेगरी में रखा गया है। इस वायरस से संक्रमित होने पर मृत्यु की संभावना 40 से 70 प्रतिशत तक रहती है। जाहिर है कि यह बेहद घातक है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जार्ज ने बताया है कि यह बांग्लादेशी वेरिएंट है। यह इंसानों से इंसानों में फैलता है। लिहाजा, कोझिकोड के संक्रमित ग्राम पंचायतों को क्वारंटाइन जोन में तब्दील कर दिया गया है। केरल के पड़ोसी राज्य कर्नाटक ने आम जनता को प्रभावित इलाकों में सफर करने से बचने की सलाह दी है। 


झारखंड में भी खतरा 
झारखंड को भी इसका संक्रमण हो सकता है, इसकी वजह है झारखंड का केरल से ट्रेन कनेक्शन। झारखंड से दो ट्रेनें केरल जाती हैं. एक ट्रेन धनबाद से रांची होते हुए केरल के एल्लपी/अल्लपूझा और दूसरी ट्रेन हटिया से एर्णाकुलम के लिए चलती है. इस ट्रेन से बड़ी संख्या में लोग केरल आना-जाना करते हैं. बड़ी संख्या में मजदूर भी केरल में काम करने जाते हैं. लिहाजा, संक्रमण के लिहाज से यह झारखंड के लिए भी चिंता का विषय है।

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चमगादड़ से फैल सकता है संक्रमण
साथ ही इस वायरस के संक्रमण में चमगादड़ों के वाहक बनने की संभावना रांची को डेंजर जोन में डाल सकती है। रांची के वीवीआईपी इलाके के एक पार्क में हजारों की संख्या में चमगादड़ों का बसेरा है। मोरहाबादी मैदान में मौजूद उस पार्क में रेस्टूरेंट तक चलता है.। लोग घूमने जाते हैं। इसी इलाके में रांची के उपायुक्त, राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन का आवास है। बड़ी संख्या में खिलाड़ी यहां पहुंचते हैं। श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय है, स्टेट गेस्ट हाउस भी है। सुबह के वक्त बड़ी संख्या में लोग मोरहाबादी में टहलने आते हैं। लेकिन शायद ही किसी की नजर पार्क में मौजूद विशालकाय यूकेलिप्टस की डालियों पर झूलते बड़े बड़े चमगादड़ों पर पड़ती है, यह बेहद खौफनाक दिखते हैं। पर्यावरणविद डॉ नीतीश प्रियदर्शी ने बताया कि चमगादड़ भी कई बीमारियों के कैरियर होते हैं। इंसान के बीच इस कदर इनका रहना अच्छा नहीं माना जा सकता क्योंकि चमगादड़ों के काटने पर एंटी रेबिज वैक्सीन की जरूरत पड़ती है। लिहाजा, अलर्ट रहने की जरूरत है। 

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