द फॉलोअप डेस्क
साइबरपीस, इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार इंजीनियर्स संस्थान और झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सहयोग से गुरूवार को 'ग्रीन एनर्जी मिशन में स्टार्टअप और साइबर सुरक्षा की भूमिका' पर एक पैनल चर्चा की गई। इस कार्यक्रम का आयोजन साइबरपीस द्वारा BNR चाणक्य में किया गया था। इसका उद्देश्य साइबर सुरक्षा और हरित ऊर्जा के बीच के अंतर को उजागर करना, नवाचार को बढ़ावा देना और हरित ऊर्जा मिशन के भीतर बुनियादी ढांचे की सुरक्षा को संबोधित करना है। इसके साथ ही विशेषज्ञों, नवप्रवर्तकों और नेताओं को सुरक्षित, लचीली हरित ऊर्जा प्रौद्योगिकियों की बढ़ती आवश्यकता को संबोधित करने के लिए एक साथ लाना है।इन बिंदुओं पर की गई चर्चा
*हरित ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में सुरक्षा चुनौतियां- नवीकरणीय ऊर्जा में साइबर सुरक्षा खतरों की पहचान करना और उनका समाधान करना, जैसे स्मार्ट ग्रिड, ऊर्जा उत्पादन और भंडारण प्रणालियों में कमजोरियां। स्टार्टअप्स द्वारा अभिनव साइबर सुरक्षा समाधान यह दर्शाता है कि किस प्रकार स्टार्टअप्स हरित ऊर्जा अवसंरचना की सुरक्षा के लिए एन्क्रिप्शन, घुसपैठ का पता लगाने और ब्लॉकचेन जैसी प्रौद्योगिकियों का लाभ उठा रहे हैं।
*जोखिम प्रबंधन और अनुपालन – हरित ऊर्जा क्षेत्र के लिए विशिष्ट अंतर्राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा मानकों के अनुपालन हेतु रणनीतियों की जांच करना।
*सहयोगात्मक अनुसंधान और विकास- सुरक्षित, टिकाऊ ऊर्जा समाधानों को आगे बढ़ाने में शिक्षा, उद्योग और सरकार के बीच साझेदारी पर चर्चा करना।
*सुरक्षित ऊर्जा भविष्य को बढ़ावा देना- हरित ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिए पूर्वानुमानित सुरक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग के उपयोग की जांच करना।ये रहे कार्यक्रम में मौजूद
इस अवसर पर वक्ताओं में झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ डीके सिंह, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के डिजिटलीकरण और IoT 4.0 के प्रमुख वेद प्रकाश, इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार इंजीनियर्स संस्थान के अध्यक्ष उमेश प्रसाद साह, साइबरपीस फाउंडेशन के संस्थापक और वैश्विक अध्यक्ष मेजर विनीत कुमार और फ्लोकार्ड के CEO अमितेश आनंद शामिल रहे। इस दौरान पैनल का संचालन साइबर सुरक्षा और हरित प्रौद्योगिकी के प्रमुख विशेषज्ञों द्वारा किया गया।