द फॉलोअप डेस्कः
डीजीपी अजय कुमार सिंह सोमवार को होटवार स्थित पुलिस अनुसंधान प्रशिक्षण विद्यालय में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। इस दौरान डीजीपी ने कहा कि आपराधिक घटनाओं के साथ-साथ साइबर क्राइम को रोकना बेहद जरूरी है। अब साइबर क्राइम के जरिए वाट्सएप कॉल कर रंगदारी मांगी जा रही है। वर्तमान में झारखंड में छह साइबर थाने के सहयोग से साइबर अपराधियों पर अंकुश लगाया जा रहा है। लेकिन अगर सरकार छह और साइबर थाने खोल देir तो साइबर अपराध पर लगाम लगाने की संभवना बढ़ जाएगी। दरअसल साइबर अपराध की रोकथाम और केस के बेहतर अनुसंधान के लिए पुलिस अफसरों को ट्रेनिंग दी जा रही है। इसे लेकर झारखंड सीआईडी की ओर से भारतीय साइबर समन्वय केंद्र और उत्तराखंड पुलिस के सहयोग से पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इसी कार्यक्रम में डीजीपी बोल रहे थे कि प्रशिक्षण से पुलिस पदाधिकारियों को बहुत सी जानकारियां दी जा रही हैं। इससे उन्हें साइबर मामले से जुड़े केस में काफी मदद मिलेगी। साथ ही साइबर से जुड़े केस का त्वरित गति से समाधान हो सकेगा।
एडवांस टूल्स के बारे में दी जाएगी जानकारी
मौके पर डीजी सीआईडी ने बताया कि झारखंड में साइबर अपराध की रोकथाम और केस के बेहतर अनुसंधान के लिए पुलिस अफसरों को ट्रेनिंग दी जा रही है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम तीन भागों में आयोजित किया गया है। ट्रेनिंग प्रोग्राम में सीआईडी ने टूल्स एंड टेक्नोलॉजी पर इंट्रोडक्टरी सेशन दिया। इसमें विभिन्न तकनीकों जैसे ईमेल हैडर, मोबाइल फोन प्रौद्योगिकियों, सीडीआर आईपीडीआर विश्लेषण और वायरशार्क जैसे एडवांस टूल्स के बारे में बताया गया। बता दें कि 12 मई से शुरू हुआ यह प्रशिक्षण 16 मई तक चलेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे भाग में जितेंदर सिंह और रूसी मेहता ने 14 सी के बारे में जानकारी दी। दोनों ने एडवांस ट्रेनिंग, नवीनतम साइबर अपराध की प्रवृत्ति, क्रिप्टोकरेंसी और चीनी ऋण देने वाले एप्स के बारे में बताया।
46 पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है
कार्यक्रम के तीसरे भाग में उत्तराखंड साइबर डीएसपी अंकुश मिश्रा ने ट्रेनिंग दी। जहां वो डिजिटल साइबर जांच से संबंधित कई प्रकार की जानकारी पुलिस अफसरों को दिये। सीआईडी एसपी एस कार्तिक ने बताया कि साइबर अपराधी नये-नये तरीके से साइबर अपराध कर रहे है। इसे देखते हुए पुलिस पदाधिकारियों को तकनीक की पूरी जानकारी दी जा रही है। इस प्रशिक्षण से साइबर अपराध से जुड़े मामलों में पुलिस पदाधिकारियों को अनुसंधान में लाभ होगा। प्रशिक्षण में 46 पुलिसकर्मी को ट्रेनिंग दी जा रही है।
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