धनबाद
धनबाद पुलिस को एक बड़ी कामय़ाबी मिली है। खबर है कि सरायढेला स्थित भूईफोड़ मंदिर के पास सीएमपीएफ कोऑपरेटिव कॉलोनी में साइबर पुलिस ने 4 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों में 2 बिहार के बांका, एक जमुई और एक तेतुलमारी का निवासी है। ये चारों ठग बीसीसीएल के एक रिटायर कर्मचारी के घर में पिछले 15-20 दिनों से किराए पर रह रहे थे। ये लोग ऑनलाइन गेमिंग, लॉटरी और विभिन्न कंपनियों के ग्राहक सेवा प्रतिनिधि बनकर लोगों के बैंक खातों से पैसे उड़ाते थे।
पुलिस ने उनके पास से 23 मोबाइल, एक आईपैड, एक लैपटॉप, सात बैंक खातों से जुड़े बार कोड, कई एटीएम कार्ड और एक वाई-फाई डिवाइस बरामद किया है। फिलहाल पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।
झरिया निवासी प्रिंस मास्टरमाइंड के रूप में सामने आया है, जिसकी तलाश जारी है। गिरफ्तार आरोपियों ने स्वीकार किया कि प्रिंस ने ही उन्हें कॉलोनी में ठहराया था। आरोपियों ने छात्र बनकर घर किराए पर लिया था। इनकी उम्र 18 से 25 साल के बीच बताई जा रही है। पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्हें हर महीने 15 हजार रुपये मिलते थे और बदले में वे गेमिंग और कॉल्स के जरिए ठगी करते थे।
पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर आरोपियों को पकड़ा। रांची सीआईडी की मदद से प्रतिबिंब ऐप के जरिए इनकी गतिविधियों का पता चला। सीआईडी ने धनबाद साइबर पुलिस को इनका लोकेशन साझा किया। इसके बाद इंस्पेक्टर अक्षय कुमार राम की अगुवाई में पुलिस टीम ने दबिश देकर इन्हें गिरफ्तार किया। स्थानीय लोगों को इस घर में साइबर ठगी चलने का कोई अंदाजा नहीं था। यह मकान एक मधु नामक महिला का था, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। उनके पुत्र चंदन ने इसे किराए पर दिया था।
गिरफ्तार आरोपियों ने ठगी के पैसे से 2.25 लाख रुपये की बुलेट मोटरसाइकिल खरीदी थी, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है। बुलेट प्रमोद कुमार के नाम से निबंधित है।
पकड़े गए आरोपियों में बांका, बिहार के कटोरिया अबरखा निवासी दीप नारायण यादव, कटोरिया के सिझुआ निवासी नीतीश कुमार, जमुई के चकाई नारगी निवासी पंकज कुमार यादव और तेतुलमारी के शनि मंदिर निवासी कृष्णा देव कुमार शामिल हैं।