रांची
रांची जिला प्रशासन ने निजी स्कूलों में फीस वृद्धि और दाखिले की प्रक्रिया को लेकर बड़ा कदम उठाया है। अब कोई भी स्कूल अभिभावक-शिक्षक संघ और फीस कमिटी की मंजूरी के बिना फीस नहीं बढ़ा सकेगा। उपायुक्त ने साफ किया है कि बिना पूर्व स्वीकृति के किसी तरह की शुल्कवृद्धि अवैध मानी जाएगी। निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें जरूरतमंद और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए आरक्षित होंगी। इसके तहत आरटीई (RTE) कानून का कड़ाई से पालन करने का निर्देश जारी किया गया है, ताकि सभी बच्चों को शिक्षा का समान अवसर मिल सके।
नियम तोड़ने पर भारी जुर्माना और मान्यता रद्द करने की चेतावनी
अगर कोई स्कूल इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो उस पर ₹50,000 से लेकर ₹2.5 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। ज़रूरत पड़ी तो स्कूल की मान्यता भी रद्द की जा सकती है। ये जानकारी हाल ही में जिला प्रशासन द्वारा बुलाई गई एक अहम बैठक में दी गई, जिसमें रांची के 150 से अधिक स्कूलों के प्राचार्य शामिल हुए।
हर स्कूल में बनेंगी फीस समिति और पीटीए
प्रशासन ने यह भी तय किया है कि सभी निजी स्कूलों में एक 'फीस निर्धारण समिति' और 'अभिभावक-शिक्षक संघ (PTA)' का गठन अनिवार्य होगा। इस समिति के अध्यक्ष स्कूल प्रबंधन के प्रतिनिधि होंगे, जबकि सचिव के रूप में स्कूल के प्रधानाध्यापक जिम्मेदारी संभालेंगे। झारखंड अभिभावक संघ ने प्रशासन की इस पहल का स्वागत किया है। संघ का मानना है कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और अभिभावकों को निर्णय प्रक्रिया में भागीदारी का अधिकार मिलेगा। साथ ही, उन्होंने सुझाव दिया है कि इन समितियों की जानकारी स्कूल की वेबसाइट पर सार्वजनिक की जाए, ताकि अभिभावक हर कदम से वाकिफ रहें और उनके अधिकारों का हनन न हो।