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झारखंड : सीआरपीएफ के डीजी ने किया बूढ़ा पहाड़ का दौरा, ग्रामीणों में बांटे गए कंबल-फल

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द फॉलोअप डेस्क
बूढ़ा पहाड़ में फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस का रविवार को सीआरपीएफ के डीजी एसएल थाउसेन ने दौरा किया। इस दौरान उन्होंने बुरहा और आसपास के अन्य गांवों के ग्रामीणों से बातचीत की। साथ ही सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत ग्रामीणों के बीच कंबल, फल और मिठाई वितरण किया गया। डीजी ने यहां तैनात जवानों की सराहना भी की। इस दौरान मध्य क्षेत्र एसडीजी वितुल कुमार, सीआरपीएफ आईजी ऑपरेशन राजीव कुमार, सीआरपीएफ झारखंड सेक्टर आईजी अमित कुमार, पलामू रेंज सीआरपीएफ डीआईजी विनय नेगी, गढ़वा एसपी अंजनी कुमार झा, 172 कमांडेट नृपेंद्र कुमार सिंह, सीआरपी-172 और गढ़वा पुलिस के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

32 साल से नक्सलियों का था कब्जा
बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों का सबसे बड़ा गढ़ माना जाता रहा है। मगर अब इसको सुरक्षा बलों और पुलिस ने पूरी तरह फतह कर लिया। इस पहाड़ की तमाम चोटियों पर पुलिस कैंप बनाया जा चुका है। बताया जा रहा है कि 55 वर्ग किलोमीटर में फैले बूढ़ा पहाड़ पर पिछले 32 सालों से नक्सलियों का कब्जा था। झारखंड-छत्तीसगढ़ के जंगलों से घिरा यह इलाका नक्सलियों का अभेद्य दुर्ग माना जाता रहा है। यहां झारखंड ही नहीं आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और बिहार के टॉप नक्सली लीडर और रणनीतिकार भी पनाह लिया करते थे।

सबसे बड़ा अभियान 2018 में चलाया गया
बूढ़ा पहाड़ में नक्सलियों के कई बंकर और शस्त्रागार भी थे। यहां के ट्रेनिंग कैंप में नक्सलियों ने कई फौजी दस्ते तैयार कर लिए थे। बताते चलें कि बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त कराने का सबसे बड़ा अभियान वर्ष 2018 में चलाया गया था। तब नक्सलियों ने बारूदी सुरंगों से पहाड़ की ओर बढ़ रहे सुरक्षा बलों के छह जवानों को उड़ा दिया। इतना ही नहीं नक्सलियों ने पहाड़ पर पहुंचने वाले सभी रास्ते पर आईईडी बम बिछा रखा था।