रांची
जेएमएम के राष्ट्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज पीसी कर कहा कि इस चुनाव में सीएम हेमंत सोरेन ने एक नये आयाम की स्थापना की है, जो कि राज्य के विकास को पहले से अधिक गति देगा। कहा कि मंत्रिमंडल के गठन के बाद उन्होंने अपने सहयोगियों को पहले ही दिन आगाह कर दिया कि जनहित में उनका मंत्रिमंडल में रहना कितना जरूरी है। कहा, हमने सरकार आपके द्वार जो कार्यक्रम शुरू किया, जिसके तहत बीडीओ सीओ से लेकर अन्य पदाधिकारी गांव-गांव में शिविर लगाते हैं। कहा कि अब मंत्रियों को भी ये कहा गया है कि वे अपने-अपने विभाग की समीक्षा जिला स्तर पर जाकर करेंगे।
कहा कि 9 तारीख से संवैधानिक तौर पर भी विधानसभा का गठन हो जायेगा। कहा कि ये मंत्रिपरिषद हमारे घोषणा पत्र में किये गये वादों के तहत काम करेगी। कहा कि मंईयां सम्मान योजना के तहत सरकार की ओऱ से किये गये कमिटमेंट को पूरा किया जायेगा।
कहा कि योजनाओं से प्रभावित होने वाली जनता से सीधा संवाद करें। जिनको कठिनाई हो रही हो उनको सुने। कहा, और केवल विधायक ही नहीं, जो भी उस इलाके का जन प्रतिनिधि है, चाहे वो वार्ड का सदस्य ही क्यों न हो, उनके साथ भी एक संवाद कायम करें। इसमें दलगत भावना न हो। हमारी प्राथमिकता ईमानदारी से लोगों की सेवा करने की होनी चाहिये। क्योंकि सीएम हेमंत सोरेन को एक नई लकीर खींचने के लिए जनता ने जवाबदेही दी है। कहा कि इस जवाबदेही को पूरा करना पूरी मंत्रिपरिषद की जिम्मेदारी है। कहा कि ये मंत्रिपरिषद शायद पहली ऐसी मंत्रिपरिषद है जिसमें ओबीसी को सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व दिया गया है। कहा कि इस वर्ग से सात मंत्री बनाये गये हैं। इसके बाद जनजातीय समूह से मंत्री हैं। उनको भी क्षेत्रवार प्रतिनिधित्व मिला है। कहा कि ये एक समग्र मंत्रिमंडल है। कहा कि जो विधायक चुनकर इस बार आये हैं, उनमें सबसे बड़ी भागीदारी ओबीसी समाज की है। पहले कुछ खास जातियों को ही इसका लाभ मिलता था। लेकिन इस बार ये स्थापित हुआ कि सर्वजन का विकास हो। सर्वजन का विश्वास इस सरकार के साथ है। कहा, जहां इस तरह के उच्च मापदंड स्थापित किये जा रहे हैं, वहीं भाजपा के द्वारा जो निम्न स्तरीय हरकतें की जा रही हैं, वो लोकतंत्र का भी शर्मसार कर रहा है।
कहा, कल राज्यसभा में इसकी बानगी देखने को मिली। कहा कि राज्यसभा में जब विपक्ष किसानों के हित की बात कर रहा था, तब दूसरी तरफ शंभू बॉर्डर पर किसानों पर गोलियां चल रही थीं। कहा, हमलोग जानते हैं, हमलोगों के पास एक दायित्व आया है। और हमको दायित्वों का निर्वहन करना है। कहा कि आधारभूत संरचना के नाम पर 2014 से 2019 तक जो राज्य का पूंजी निवेश हुआ, उसकी उपयोगिता पर भी जिस तरह के आयोजन हुए, उसको भी रोकने का प्रयास किया गया।