द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड में गठबंधन की सरकार बनने के बाद पहली बार आज समन्वय समिति की बैठक होनी है. इस बैठक पर सबकी निगाहें टिकी है. छात्रों का एक बड़ा समूह जानना चाह रहा है कि क्या समन्वय समिति की इस बैठक में फ़िलहाल का सबसे बड़ा मुद्दा नियोजन निति पर चर्चा होगी। क्योंकि झारखण्ड में नियोजन नीति को लेकर एक बड़ा आंदोलन चल रहा है. छात्रों का कहना है कि 60 40 वाली नियोजन नीति नहीं चलेगी। इस नीति के तहत परीक्षाओं के जो विज्ञापन निकाले जा रहे हैं वह गलत है अगर सरकार परीक्षा लेने की कोशिश करेगी तो वह परीक्षा केंद्र पर जाकर भी विरोध करेंगे। इस आंदोलन के दौरान छात्रों ने छात्र विधायक और सांसद से मिलकर सहमति पत्र भी ले चुके हैं। झामुमो के अध्यक्ष शिबू सोरेन से मुलाकात भी कर चुके हैं। छात्रों का दावा है कि शिबू सोरेन का साथ भी इन्हे मिला है। तो सवाल फिर वही है क्या आज शिबू सोरेन की अध्यक्ष में जो समन्वय समिति की बैठक होनी है उसमें नियोजन नीति पर चर्चा होगी।
महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य का क्या कहना है
जेएमएम के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि इस समन्वय समिति की बैठक में सरकार के काम काज को लेकर चर्चा होगी। क्या-क्या हो गया है और क्या होना बाकि है इसपर चर्चा की जाएगी। नियोजन नीति के सवाल पर उन्होंने कहा है कि बैठक के बाद ही जो कुछ निकलकर आयेगा वह आपके सामने होगा। सुप्रियो भट्टाचार्य के बयान से इतना तो साफ़ है कि मामले पर सरकार गंभीर है लेकिन समन्वय समिति की बैठक में नियोजन नीति पर चर्चा होगी या नहीं इसका जवाब तो शाम ढलते बैठक के बाद ही पता चल पायेगा। लेकिन इतना तो साफ़ है कि छात्रों के तीसरे चरण का यह आंदोलन अचानक से तेज हो गया है. पहले 9 जून को छात्रों ने मशाल जुलूस निकाली उसके बाद दो दिनों का झारखंड बंद. अब देखना होगा कि इस बंद का सरकार पर कितना असर पड़ता है. अगर सरकार पर असर पड़ता भी है तो क्या कदम उठाया जा रहा है. क्योंकि पिछले एक महीने में दर्जनों परीक्षाओं के विज्ञापन निकाले जा चुके हैं. हालांकि कई छात्र ऐसे भी है जो चाहते हैं कि परीक्षा हो. छात्रों का एक समूह पिछले दिनों झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष से भी मिला और उसके बाद 2000 से अधिक पदों के लिए JSSC CGL की वेकैंसी भी आई.
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