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कन्या भ्रूण हत्या पर लगाम : हेमंत सरकार ये काम करने पर देगी 1 लाख रुपये का इनाम 

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रांची 
झारखंड में कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए हेमंत सरकार की कवायद जारी है। राज्य सरकार इस संबंध में सूचना देने वाले मुखबिर, व्यक्ति या संस्थाओं को 1 लाख रुपये तक का इनाम दे रही है। भ्रूण हत्या की सूचना या अवैध लिंग जांच करने वाले क्लिनिक की जानकारी देने पर 1 लाख रुपये का इनाम देने का प्रावधान किया गया है। इस योजना की शुरुआत हालांकि तीन साल पहले, कोरोना काल की गयी था। लेकिन स्वास्थ्य विभाग को कन्या भ्रूण हत्या या अवैध लिंग जांच की एक भी शिकायत अब तक नहीं मिली है। सरकार अब इस योजना का प्रचार-प्रसार नये सिरे से करने जा रही है। इसके लिए पीआरडी और अन्य विभागों की मदद ली जायेगी। 

किस तरह की जा सकती है शिकायत 

स्वास्थ्य विभाग की ओऱ से कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति या मुखबिर विभाग के अधिकारी को कन्या भ्रूण हत्या या अवैध बेबी टेस्ट की सूचना दे सकता है। शिकायत करने के लिए टॉल फ्री नंबर 104 पर भी कॉल किया जा सकता है। मुखबिर अगर क्लिनिक की जानकारी देता है, तो उसे 40 हजार रुपये, गर्भवती महिला को 40 हजार रुपये और इस काम में सहयोग करने वाले 20 हजार रुपये देने का प्रावधान किया गया है। बता दें कि इस योजना की शुरुआत कोरोना काल में की गयी थी। योजना का नाम मुखिबर/डिकाय योजना रखा गया है। 

क्या कहना है स्वास्थ्य विभाग का  

स्वास्थ्य विभाग ने इस बात पर चिंता जाहिर की है कि अक्सर नवजात शिशु सुनसान जगह पर फेंके हुए मिलते हैं। इसमें बच्चियों की संख्या अधिक होती है। वहीं, अवैध रूप से लिंग की जांच कराकर लोग नवजात शिशु को गर्भ में खत्म कर देते हैं। कई बार लोग नवजात बच्ची को अस्पताल और क्लिनिक में ही छोड़कर चले जाते हैं। ऐसे नवजात को जिला संरक्षण पदाधिकारी के पास भेज दिया जाता है। तीन महीने तक माता-पिता का यहां इंतजार किया जाता है। उनके नहीं आने पर नवजात की पूरी जिम्मेदारी सरकार पर आ जाती है। कहा कि ये समाज के नैतिक पतन की निशानी है। इसे सामाजिक और कानूनी स्तर पर प्रयास के जरिये रोका जा सकता है। साथ ही इस तरह की घटनाओं की सूचना देने वाले को प्रोत्साहित भी किया जा सकता है। इसी सोच के तहत योजना को लॉन्च किया गया है।