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होटवार जेल में रची जा रही थी ED अधिकारियों के खिलाफ साजिश, प्रेम प्रकाश पर सनसनीखेज खुलासा

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द फॉलोअप डेस्क
ED ने शुक्रवार शाम अचानक रांची के होटवार जेल में छापा मारा था। जानकारी के मुताबिक झारखंड भूमि घोटाला केस की जांच से जुड़े अफसरों के खिलाफ साजिश रची जाने की सूचना के बाद एजेंसी ने यह कार्रवाई की थी। इस दौरान ईडी के हाथ कई सबूत लगे हैं। वहीं ईडी के सूत्रों की मानें तो साजिश रचने में अवैध खनन मामले में धराए प्रेम प्रकाश, अमित अग्रवाल समेत अन्य कैदियों की भूमिका है। छापेमारी के दौरान प्रेम प्रकाश से जुड़ी कई जानकारी ईडी के हाथ लगी है। वहीं जेल में बंद हाई प्रोफाइल लोगों की जेल प्रशासन द्वारा मदद करने की बात  लगातार सामने आ रही है। इसे लेकर ईडी ने होटवार जेल अधीक्षक हामिद अख्तर को समन करेगी। 


प्रेम प्रकाश की जेल में मूवमेंट के फुटेज को किया गया डिलिट
ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छापेमारी के दौरान उनके हाथ कई जरूरी जानकारी लगी है। वहीं सूत्रों द्वारा जमीन घोटाला केस को लेकर जेल में बंद आरोपी प्रेम प्रकाश को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे किए गए हैं। उन्होंने बताया कि जब सीसीटीवी फुटेज को खंगाला तो उसमें पाया गया कि जेल प्रशासन द्वारा प्रेम प्रकाश की मूवमेंट से जुड़े कई डिजिटल सबूतों को डिलिट किया गया हैं। प्रेम प्रकाश से मुलाकात करने वालों की सीसीटीवी भी हटा दी गई है। इसे लेकर पूछताछ करने के लिए ईडी जेल अधीक्षक हामिद अख्तर को समन करेगी।


अधिकारियों को फंसाने से संबंधित साबूत ईडी के हाथ लगे
सूत्र ने आगे बताया कि झारखंड भूमि घोटाला और अवैध खनन जैसे करोडों रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहे ईडी के अधिकारियों को फर्जी मुकदमे में फंसाने की साजिश रची जा रही थी। इसमें जेल में बंद कई हाईप्रोफाइल लोगों की संलिप्तता सामने आई है। ईडी के एक अफसर को धुर्वा थाना द्वारा एसटी-एससी केस में आरोपित करने के बाद एक बार फिर नये सिरे से किसे गंभीर आरोप में फंसाने की साजिश जेल से रची जा रही थी। जेल में बंद हाईप्रोफाइल आरोपियों को जेल प्रशासन द्वारा भी मदद पहुंचाने की बात लगातार सामने आ रही है। जेल में बंद आरोपी आईफोन के फेस टाइम एप के जरिए बाहर के लोगों के संपर्क में आए थे। जिसकी भनक एजेंसी को लग गई थी। जिसके बाद शुक्रवार शाम अचानक एजेंसी जेल में छापेमारी के लिए पहुंची। इस दौरान उनके हाथ कई जरूरी जानकारी भी लगी है। एजेंसी का दावा है कि अधिकारियों को फंसाने से संबंधित वैसे साक्ष्य जिन्हें जेल प्रशासन ने मिटाने की कोशिश की थी, वह एजेंसी के हाथ लग चुके हैं। जानकारी के अनुसार इसकी जानकारी केंद सरकार को भी दी गई है। 

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