रांची
कांग्रेस पार्टी का भरोसा जीतने के बाद दीपिका पांडेय सिंह गोड्डा की लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाई गयी हैं। वे इन दिनों लगातार अपने क्षेत्र का दौरा कर रही हैं। आज 21 अप्रैल को वे इंडिया गठबंधन की उलगुलान न्याय महारैली में शामिल होने रांची पहुंची थीं। द फॉलोअप ने उनसे इस मौके पर बात की। ये पूछे जाने पर कि टिकट मिलने के बाद से पार्टी के कार्यकर्ता उनका विरोध कर रहे हैं, उन्होंने कहा, टिकट के लिए गोड्डा ससंदीय क्षेत्र से तीन नेताओं के नाम आलाकमान के पास भेजे गये थे। तीनों प्रत्याशी जो पैनल में थे, सभी मजबतू नाम हैं। सभी में कोई न कोई खास बात है। प्रदीप यादव और फुरकान चाचा माइनॉरिटी के कद्दावर नेता रहे हैं। कई बार चुनाव लड़े हैं और जीते हैं। सभी कद्दावर नेता हैं। फिर भी जो स्थितियां बनीं, उसमें मेरा चुनाव किया गया। आलाकमान ने मुझे, आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना। मुझे लगता है, ये उनके लिए भी मुश्किल काम रहा होगा। कहा, पार्टी ने अपना काम कर दिया है। अब बड़ों से आशीर्वाद लेना और छोटों को मनाना मेरी जिम्मेदारी है। उसके लिए प्रयासरत् हूं।
दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये
बता दें कि फुरकान अंसारी या प्रदीप यादव खुले तौर पर तो दीपिका पांडेय का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन जो लोग विरोध में सड़कों पर उतर आये हैं, उनमें इनके लोगों के होने की खबर है। इस सवाल पर दीपिका ने कहा, टिकट मिलने के पहले हम तीनों लोगों ने प्रदेश प्रभारी, सीएलपी लीडर औऱ अध्यक्ष के सामने सामूहिक रूप से एक दस्तावेज पर साइन किया है। इसमें हमने एक दूसरे की मदद करने की बात कही है। आगे कहा कि सब ठीक है परेशान होने की कोई बात नहीं है।
टारगेट निशिकांत को हराना है
दीपिका पांडेय ने इसे और साफ करते हुए कहा, देखिये नाराजगी नेताओं में नहीं, उनके कार्यकर्ताओं में होती है। उनमें उत्साह होता है कि उनके नेता आगे बढ़ें। कुछ लोगों की नाराजगी इसी का हिस्सा है। ये कोई चिंता करने की बात नहीं है। हम सभी का टारगेट निशिकांत दुबे को हराना है। उनको गोड्डा से भगाना है। हमलोग इस बात के लिए मिलकर काम करेंगे। आप हम सबको, यानी तीनों को जल्दी ही एक साथ देखेंगे।
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