द फॉलोअप डेस्क
विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर शुक्रवार को पलामू के बेतला में आयोजित एक कार्यक्रम में पलामू किले पर आधारित एक कॉमिक्स को प्रकाशित किया गया। इसका शीर्षक है " ताई और पलामू किला" जिसमें पलामू किले के 400 साल के इतिहास के की जानकारी दी गयी है। इस मौके पर स्थानीय विधायक रामचंद्र सिंह तथा पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रजेश कांत जेना मौजूद थे।
गौरतलब है कि चेरो राजवंश का इतिहास 400 साल पुराना है और पलामू किला उसी राजवंश की महानता का स्मारक है। पलामू में 2 किले हैं जो 680 एकड़ में फैले हुए हैं। पुराना किला, पलामू किले के नाम से जाना जाता है और एक दूसरा नया पलामू किला के नाम से जाना जाता है। वैसे तो पूराना पलामू किला के निर्माण के बारे में कोई पुख्ता सबूत नहीं है पर ऐसा माना जाता है कि इसे चेरो राजवंश के पहले बनाया गया था। वहीं नये पलामू किले को चेरो वंश के महान शासक राजा मेदिनीराय ने 1663 में बनवाया था। लेकिन आज ये समृद्ध स्मारक खंडहर बन गयी है।
चेरो राजवंश और पलामू किले के एतिहासिक महत्व को लोगों तक पहुंचाने के लिए ही इस कॉमिक्स को प्रकाशित किया गया है। साथ ही लोगों को किले की अधिक जानकारी प्रदान कराने के लिए चेरो समुदाय के 15 युवाओं का टूरिस्ट गाइड के रूप में चयन किया गया है, जिन्हें पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन ट्रेनिंग देगी । पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला नेशनल पार्क तथा पलामू किले में घूमने वाले पर्यटकों को यह कॉमिक्स उपलब्ध करवाई जायेगी और टूरिस्ट गाइड उन्हें जागरुक करेंगे।