द फॉलोअप डेस्कः
सरना धर्म कोड की मांग तेज हो रही है। सीएम हेमंत ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर सरना धर्म कोड की मांग की है। पत्र में सीएम ने राज्य में आदिवासियों की हो रही कमी पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि आदिवासियों की प्रतिशत 38 से घटकर 26 हो गई है। आदिवासियों की संख्या में कमी होने से संविधान की पांचवीं एवं छठी अनुसूची के अंतर्गत आदिवासी विकास की नीतियों में प्रतिकूल प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। ऐसे में हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई, जैन धर्मावलंबियों से अलग सरना अथवा प्रकृति पूजक आदिवासियों की पहचान के लिए तथा उनके संवैधानिक अधिकारों के संरक्षण के लिए अलग आदिवासी सरना कोड अति आवश्यक है। अगर यह कोड मिल जाता है तो उनकी जनसंख्या का स्पष्ट आंकलन हो सकेगा एवं आदिवासियों की भाषा, संस्कृति, इतिहास का संरक्षण और संवर्धन हो पाएगा। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में 1951 की जनगणना का हवाला देते हुए कहा है कि इनके लिए उस समय अलग कोड की व्यवस्था थी परंतु कतिपय कारणों से बाद के दशकों में यह व्यवस्था समाप्त कर दी गई।
ट्वीट में पत्र साझा किया
सीएम ने पत्र की फोटो ट्वीटर पर साझा की है। जिसमें उन्होंने पीएम को टैग भी किया है। उन्होंने लिखा कि "देश का आदिवासी समुदाय पिछले कई वर्षों से अपने धार्मिक अस्तित्व की रक्षा के लिए जनगणना कोड में प्रकृति पूजक आदिवासी/सरना धर्मावलंबियों को शामिल करने की मांग को लेकर संघर्षरत है। मैंने पत्र लिखकर माननीय प्रधानमंत्री आदरणीय श्री @narendramodi जी से देश के करोड़ों आदिवासियों के हित में आदिवासी/सरना धर्म कोड की चिरप्रतीक्षित माँग पर यथाशीघ्र सकारात्मक निर्णय लेने की कृपा करने का आग्रह किया है। मुझे आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि जिस प्रकार प्रधानमंत्री जी समाज के वंचित वर्गों के कल्याण के लिए तत्पर रहते हैं उसी प्रकार इस देश के आदिवासी समुदाय के समेकित विकास के लिए पृथक आदिवासी/सरना धर्मकोड का प्रावधान सुनिश्चित करने की कृपा करेंगे। जोहार! @PMOIndia"
देश का आदिवासी समुदाय पिछले कई वर्षों से अपने धार्मिक अस्तित्व की रक्षा के लिए जनगणना कोड में प्रकृति पूजक आदिवासी/सरना धर्मावलंबियों को शामिल करने की मांग को लेकर संघर्षरत है।
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) September 27, 2023
मैंने पत्र लिखकर माननीय प्रधानमंत्री आदरणीय श्री @narendramodi जी से देश के करोड़ों आदिवासियों के हित… pic.twitter.com/svvzDaTq7C
मुझे आदिवासी होने पर गर्व है
बता दें कि सरना धर्म कोड को लेकर हेमंत सरकार ने नवंबर 2020 में झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इसे पास कराकर केंद्र को भेजा था। करीब तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी केंद्र की तरफ से इसपर कोई ठोस पहल नहीं किया गया। एक बार फिर राज्य सरकार केंद्र पर दबाव बना रही है। पीएम को लिखे अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा मुझे आदिवासी होने पर गर्व है। और एक आदिवासी सीएम होने के नाते मैं ना सिर्फ झारखंड बल्कि पूरे देश के आदिवासियों के हित में आपसे आग्रह करता हूं कि सरना धर्म कोड की मांग को यथाशीघ्र पूरी की जाए।
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