द फॉलोअप डेस्कः
29 दिसंबर को राज्य सरकार अपने 4 साल पूरे कर रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 28 दिसंबर को मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के लिए आमंत्रण मिलता है तो वे जरूर जायेंगे। साथ ही चुनाव के लिए इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (EVM) को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने केंद्र पर झारखंड की उपेक्षा का भी आरोप लगाया। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए मुझे अभी तक आमंत्रण नहीं मिला है। आमंत्रण मिला तो जरूर जाने की कोशिश करूंगे। ईवीएम से मतदान से जुड़े सवाल पर हेमंत सोरेन ने कहा कि दुनिया में इस तकनीक को लोग समाप्त कर रहे हैं। इस देश को विश्व गुरू की उपाधि देते हैं तो ईवीएम को हटा देना चाहिए।
ईडी के समन की बहुत चिंता नहीं
ईडी के छठे समन पर भी पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय नहीं जाने और विपक्ष के आक्रमण पर उन्होंने कहा कि मैं विपक्ष के सवालों का उत्तर नहीं देता। फिर कहा कि देश में कानून नाम की चीज नहीं है। ईडी और सरकार सब कायदे कानून से चलते हैं। क्या मैं भाग रहा हूं या बोरिया विस्तरा समेटकर विदेश में बस गया हूं। राजनेताओं पर आरोप लगते हैं तो क संवैधानिक संस्थाओं पर नहीं लगते। कुछ ब्लर हो जाता है यह अलग बात है। हकीकत कितने दिन दबा के रख सकते हैं। ईडी प्रकरण पूरा देश देख रहा है। मुझे बहुत चिंता नहीं है। आप पर ईडी का प्रेशर बनाया जा रहा है पूछने पर कहा कि यह समझना बड़ी भूल होगी कि डरा, धमकाकर कोई काम करा लिया जाये। हमारी राजनीतिक पृष्ठभूमि अलग रही है। प्यार से कोई बात करे तो हम गर्दन देने को तैयार हैं। प्रेशर का सवाल हम पर लागू नहीं होता।
जातीय जनगणना के पक्ष में हैं
इंजिया गठबंधन में प्रधानमंत्री पद का चेहरा से जुड़े सवाल पर हेमंत सोरेन ने कहा कि मुझे लगता है कि लोकतंत्र में जो चेहरा होता है वह जनता ही बनाती है। चेहरा शब्द हाल के दिनों का क्रियेशन है कहकर आगे बढ़ गये। जाति आधारित जनगणना पर उन्होंने कहा कि हम इसके पक्ष में हैं। चर्चा चल रही है। मगर हड़बड़ी में हम कोई गड़बड़ी करना नहीं चाहते। अपनी सरकार के चार साल की यात्रा पर कहा कि 29 दिसंबर को सरकार के 4 साल पूरे होंगे। सरकार ठीक से बनी भी नहीं थी कि कोविड आया। लॉकडाउन लगा। मगर हमने कामयाबी के साथ मुकाबला किया। गरीब, असहाय, मजदूरों को को कुछ होने नहीं दिया। बाद में योजनाबद्ध तरीके से सभी वर्गों के लिए काम किया।
महत्वाकांक्षी योजना आपकी सरकार, आपके द्वार के माध्यम से गांव-गांव जाकर अंतिम व्यक्ति तक हमारी सरकार पहुंच रही है। 29 दिसंबर को तीसरे चरण क समापन होगा। राज्य के सर्वांगीण विकास पर हमारा जोर है। गांव मजबूत होगा तो शहर मजबूत होगा और शहर मजबूत होगा तो राज्य मजबूत होगा। राज्य गठन का 23वां साल चल रहा है। 2025 में झारखंड 25 साल का युवा होगा। इसे मजबूती प्रदान करने के लिए विपक्ष को सर्वाधिक अवसर मिले लेकिन आज कोई नहीं कह सकता कि आने वाले 25वें साल में झारखंड इतना मजबूत हो चुका है कि हर चुनौती से लड़ सकता है।