रांची:
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को सदन में नियोजन नीति, स्थानीय नीति और रोजगार को लेकर बड़ा बयान दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि खतियान के आधार पर कभी भी नियोजन नीति नहीं बनाई जा सकती। यदि हम विपक्ष के पदचिन्हों पर चलेंगे तो इस राज्य में किसी भी झारखंडी को नौकरी नहीं मिल पाएगी। हालात ये है कि मौजूदा समय में झारखंड में यूपी और बिहार के युवा नौकरी पा जाते हैं। ये लोग कहते हैं कि खतियान आधारित नियोजन नीति बनाओ।
1 महीने में होगी 20 हजार नियुक्तियां
रोजगार के मुद्दे पर हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार 1 महीने में 20 हजार युवाओं की नियुक्ति करेगी। हाल ही में 7,267 पदों की सूची झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग को सौंपी गई है। 2,898 पदों पर वेकैंसी निकाली गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने 5 लाख रोजगार देने की बात कही थी। मैंने नहीं कहा था कि 5 लाख नौकरी देंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आपलोग चिंता मत कीजिए। अभी तो हम मुख्यमंत्री हैं। होगा तो प्रधानमंत्री भी बन जाएंगे।
विपक्ष ने व्यवस्था में वायरल डाल दिया
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि व्यवस्था में वायरस डाल दिया गया है। आज भी झारखंड के नौजवान संवेदनशील हैं। कोई गड़बड़ी होती है तो प्रदेश के युवा व्यक्तिगत रूप से मिलकर मुझे इससे अवगत कराते हैं। हाल हीं जाति प्रमाण पत्र में गड़बड़ी का मामला सामने आया। वो युवा आंदोलन में जाने से पहले मुझसे मिला। उसकी समस्या का समाधान हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को सड़क पर आंदोलन का रास्ता छोड़कर मुझसे बात करने आना चाहिए।
नियुक्ति के नाम पर पूर्ववर्ती सरकार ने छाती पीटी!
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार नियुक्ति के नाम पर केवल छाती पीट रही है। स्थानीयता पर नियोजन का रोना रोया जा रहा है। सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि रघुवर दास ने नियुक्ति का ऐसा दरवाजा खोला जो औंधे मुंह गिर गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोर्ट इसे कभी नहीं मानेगा। ये कैसे बनेगा हमें पता है। स्थानीय नीति हमारे एजेंडे में है। नियोजन नीति पर भी हम गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि आज हम बैटिंग कर रहे हैं। ये लोग फील्डिंग कर रहे हैं। हमें पता है कि किस बॉल पर छक्का मारना है। किस बॉल पर चौका लगाना है। किस बॉल पर सिंगल लेंगे। गंदगी साफ कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब 1932 का खतियान लागू करने की बात आती है तो बीजेपी विधायक बड़े जोर से बोलते हैं कि लागू कर दो। इन्हीं लोगों ने 1985 को कटऑफ मानकर स्थानीय नीति बनाई। अब कहते हैं कि 1932 को बना दो। 2 साल में ही इतना बदलाव कैसे हो गया। मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि हमने ऐसी नियमावली बनाई की स्थानीय को रोजगार मिले।