रांची:
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार (20 मई) को चुनाव आयोग की नोटिस का जवाब दे दिया। गौरतलब है कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने रांची के अनगड़ा में मुख्यमंत्री द्वारा खनन पट्टा का लीज लेने के मामले में नोटिस जारी करके स्पष्टीकरण मांगा था। बीजेपी ने राज्यपाल से शिकायत की थी कि मुख्यमंत्री हेमतं सोरेन ने पद का दुरुपयोग करते हुए खनन पट्टा का लीज लिया। राज्यपाल ने इस मामले को चुनाव आयोग का हस्तातंरित कर दिया था। आयोग ने शोकॉज नोटिस जारी किया था।
Jharkhand CM Hemant Soren filed his reply to ECI on the office of profit matter, today. The matter pertains to the allotment of the stone mine lease in favour of CM in the Angara block of Ranchi.
— ANI (@ANI) May 20, 2022
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2 अप्रैल को आयोग ने जारी किया था नोटिस
खनन पट्टा लीज मामलें में केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने 2 मई 2022 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को शोकॉज नोटिस जारी किया था। पूछा था कि जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 9 (ए) के तहत ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में आपकी सदस्यता क्यों ना रद्द कर दी जाये। चुनाव आयोग ने पहले इसके लिए 10 मई तक की तारीख तय की थी लेकिन हेमंत सोरेन ने मां रूपी सोरेन की तबीयत का हवाला देकर अतिरिक्त 1 माह की मांग की थी। हालांकि, चुनाव आयोग ने 10 दिन का ही वक्त दिया था जिसकी मियाद 20 मई को पूरी हो रही थी। आखिरी तिथि को सीएम ने जवाब दाखिल कर दिया।
पत्थर खनन को लेकर झारखंड में सियासत
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा रांची के अनगड़ा में खनन पट्टा का लीज लेने को लेकर झारखंड की सियासत गरमाई हुई है। विपक्ष लगातार मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग कर रहा है। कहा तो ये भी जा रहा था कि किसी भी प्रकार की कानूनी प्रक्रिया में जाने से पहले हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे और अपने परिवार या पार्टी में से किसी भरोसेमंद व्यक्ति को सीएम की कुर्सी पर बिठा देंगे।
हालांकि, मुख्यमंत्री ने अब नोटिस का जवाब दिया है।
मुख्यमंत्री के भाई को भी आयोग की नोटिस
बता दें कि मुख्यमंत्री के भाई और दुमका से विधायक बसंत सोरेन को भी चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया था। बसंत सोरेन पर माइनिंग कंपनी में पार्टनरशिप लेने का आरोप है।
बसंत सोरेन पहले ही आयोग की नोटिस का जवाब दे चुके हैं। मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन पर भी सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर आदिवासी जमीन हासिल करने का आरोप पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने लगाया है। दूसरी तरफ, पूजा सिंघल प्रकरण को लेकर भी सरकार चौतरफा घिरी है।