चाईबासा
सीएम हेमंत सोरेन ने आज गुवा, नोवामुंडी, चाईबासा में गुवा गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर आयोजित सभा में शहीद स्थल में माल्यार्पण कर शहीदों को नमन किया। साथ ही जनसभा को संबोधित किया। हेमंत ने कहा कि विपक्ष अब उनके पूरे परिवार को जेल भेजने की तैयारी में लगा है। कहा, झारखंड विचित्र राज्य है। इस राज्य को कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था। कहा शायद इसीलिए चिड़िया माइंस का नामकरण भी किया गया। उन्होंने कहा, लेकिन ये अफसोर की बात है कि इस खनिज संपदा से भरे राज्य के लोगों की गिनती देश के सबसे गरीब लोगों में की जाती है। कहा, हमसे धनी कोई राज्य नही है। प्रकृति ने इस धरती के नीचे इतना खजाना भरके रखा है कि अगर सही नीति बनती तो यहां के लोग भूखा नहीं रहते। कहा, यहां के लोगों को आज भी भूखे सोना पड़ता है। कहा सही योजना और नीति बनती तो यहां के लोग सबसे धनी होते। लेकिन यहां के लोगों को मजदूर बना कर रखा गया। कहा कि झारखंड के मजदूर यहां के अलावे अन्य राज्य में भी जाकर मजदूरी करते हैं। कहा दूसरे राज्य के लोग ट्रेन में भरभर कर यहां के लोगों को मजदूरी कराने के लिए ले जाते हैं। गलत नीतियों ने इस राज्य की ये हालत बना दी है। कहा कि जब देश के नीति निर्धाकरक ये कमस खाकर ही बैठे हों तो हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है।
उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, और जब देश में डबल इंजन की सरकार हो तो स्थिति का अंदाजा बखूबी लगाया जा सकता है। कहा डबल इंजन की सरकार ने तो दोनों हाथों से इस राज्य को लूटा। सीएम ने आगे कहा, लेकिन यहां के लोगों की रगों में भी खून दौडता है। उन्होंने कभी अपने अधिकार और स्वाभिमान के साथ समझौता नहीं किया। चाहे उनको फांसी पर चढ़ा दिया गया, गोली चलाई गई या उनको जेल में डाल दिया गया।
हेमंत ने चंपाई सोरेने की ओर इशारा करते हुए कहा, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं अपने ही बीच में, जो इस लड़ाई को छोड़कर अलग राह चले गये। लेकिन हमलोगों ने खुद को समेटा और इस लड़ाई को जारी रखने का फैसला किया। हेमंत ने कहा कि किसी ने सोचा नहीं था कि अलग राज्य मिलेगा। लोग अलग राज्य के लिए हो रहे आंदोलन को देखकर हंसते थे। लेकिन हमारी लड़ाई को कामयाबी मिली और अलग राज्य मिल गया। तब इन लोगों ने कहा कि अलग राज्य मिलने से क्या होगा। सत्ता तो हमारे ही हाथ में ही रहेगी। और हुआ भी यही। सत्ता में वही लोग बैठ गये जो इस राज्य को चूस रहे थे। कहा दृश्य फिर से वही बन गया। फिर से हमारे सामने तकलीफों और दुखों का पहाड़ आ गया। लेकिन 2019 के चुनाव में आपकी सरकार बनी। असल झारखंडी सरकार बनी। लेकिन फिर इसके बाद कोरोना आ गया। सब कुछ बंद हो गया। केंद्र ने फऱमान जारी कर दिया कि कोई घर से बाहर नहीं निकलेगा। ऐसी हालत में दूसरे राज्यों में झारखंड के मजदूर फंस गये। हमने उनको हवाईजहाज, ट्रेन और बसों से वापस लाया। कहा याद कीजिये उस दिन को। कहा कि हवाई मार्ग से विदेश के हमारे लोगों को लाने वाले हम पहला राज्य बने। कहा हमने इस काम के लिए केंद्र से मदद मांगी लेकिन हमें मदद नहीं मिली।
कहा कि लोगों का घरों का निकलना बंद हो गया था। लोगों के पास रोजगार नहीं। पैसे नहीं। ऐसे हालात में हमारी महिला दीदियों ने लोगों को खाना बनाकर उनको मुफ्त में इसे उपलब्ध कराया। हेमंत ने कहा, उसी समय हमने फैसला किया था कि इस राज्य की महिलाओं को हम मजबूत बनायेंगे। इसीलिए हमने मंईयां सम्मान योजना की शुरुआत की। इसका लाभ अब 18 से लेकर 50 साल तक की महिलाओं को मिल रहा है। कहा कि केंद्र की नीतियों ने तो इस राज्य को लूटने और खखोरने का काम किया। लेकिन हम इस राज्य की आधी आबादी को मजबूत करने का काम कर रहे हैं।
कहा केंद्र ने कोल रॉयल्टी का पैसा नहीं दिया। पहले तो इसे मानने से इनकार कर दिया कि कोई बकाया भी है। लेकिन जब हमने सबूत पेश किये और कोर्ट में जाने की बात कही, तो कुछ पैसा दिया गया। कहा कि कोल रॉयल्टी में झारखंड का 1 लाख 36 हजार करोड़ का बकाया है। ये पैसा मिल जाये तो राज्य की सवा तीन करोड़ जनता के दिन आर्थिक खुशहाली से भर जायेंगे। लेकिन केंद्र का इस ओऱ ध्यान नहीं है। कहा कि ये लोग सोचते हैं कि आदिवासी बोका है।
कहा हमारी सरकार बनते ही कोरोना आ गया। ये किसी तरह समाप्त हुआ तो हमारे पीछे ईडी औऱ जांच एजेंसियां लगा दी गयीं। दो साल लग गये इसी चूहा-बिल्ली के खेल में। लेकिन इनको हमारे खिलाफ सबूत नहीं मिला तो जबरन जेल में डाल दिया। कहा अब क्या करेंगे। मुझे फांसी पर लटकायेंगे। कहा आज भी मेरे पीछे 7 सीएम लगे हुए हैं। अब तो ये लोग हमारे पूरे परिवार को जेल भेजने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन सच्चा झारखंडी न जेल जाने से डरता है न गोली खाने से। कहा, धरती पर जितना खून गिरेगा, उतना ही वीर सपूत यहां पैदा लेगा।