द फॉलोअप डेस्क, रांची
आज जलवायु परिवर्तन को लेकर जिस तरिके से चिंताएं देश और दुनिया में बड़ी तेजी से हो रही है. कहीं न कहीं प्रकृति व्यवस्थाओं के साथ बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ होना इसका मूल कारण है. प्राकृतिक के साथ छेड़खानी या उसके साथ अन्य प्रकार के कार्य हों जिसके माध्यम से कहीं न कहीं कोई न कोई प्राणी इससे प्रभावित होता है. चाहे वो मानव जीवन हो वन्य प्राणी या जल प्राणी हो, जितने भी प्राणी इस धरती में पाए जाते हैं सभी को यह प्रभावित करती है. ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा में आयोजित वन महोत्स्व कार्यक्रम के दौरान कही.
व्यक्तिगत रूप से आम जीवन में भी पर्यावरण को करें संरक्षित
उन्होंने कहा की आज ये जरूरी है सिर्फ महोत्स्व के माध्यम से नहीं बल्कि आम जीवन में भी पर्यावरण से संबंधित उसको संरक्षित करने के लिए जो व्यक्तिगत रूप से हो पायेगा वो कदम हमें उठानी चाहिए। मेरा मानना है की हर कोई, कम से कम झारखंड में रहने वाले लोग जिनका संबंध यहां के प्रकृति के साथ रहा है, उन्हें यह कार्य करना चाहिए। आज बड़े पैमाने पर यहां लोग उपस्थित हैं. सभी लोग एक-एक पेड़ भी लगा ले तो, अंदाज़ा नहीं लगा सकते की कितना बड़ा बदलाव हो सकता है.
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