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षड्यंत्रकारियों को सत्ता से बेदखल किया, अब राज्य से खदेड़ देंगे; पलामू में गरजे सीएम हेमंत

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द फॉलोअप डेस्कः
मुख्यमंत्री, मंगलवार को मेदिनीनगर के पुलिस लाइन स्टेडियम में आयोजित पलामू प्रमंडल स्तरीय रोजगार मेले में युवाओं और आम नागरिकों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि षड्यंत्रकारियों को पहले हमने सत्ता से बेदखल किया और उन्हें राज्य से बाहर खदेड़ेंगे। भ्रष्टाचार का भोंपू लेकर घूमने वाले लोग 20 साल तक सत्ता में रहकर झारखंड को दीमक की तरह चाट गए हैं और अब खिसियानी बिल्ली की तरह खंभा नोंच रहे हैं। सीएम ने कहा कि वे जब सत्ता में बैठे, उसके एक घंटे बाद से ही सरकार गिराने का प्रयास किया जा रहा है। नई सरकार बनाने के लिए मुख्यमंत्री तक घोषित कर दिया गया, लेकिन हर बार उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्होंने दावा कि 4 साल पूरा करने के बाद सरकार पांचवां साल भी अच्छी तरह पूरा करेगी। 


षड्यंत्रकारियों को राज्य से बेदखल करना है
सीएम ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि इन्होंने कभी भी लोगों को हक अधिकार से जोड़ने का काम नहीं किया। हमारी सरकार लोगों को अधिकार देती हैं तो यह लोग हमें भ्रष्टाचारी कहते हैं। इन लोगों के झूठ, षड्यंत्र और अफवाह से होगा कुछ नहीं। हम राज्य के लिए लड़ने, मरने और मिटने वाले लोग हैं। इन षड्यंत्रकारियों को अभी तो सत्ता से बाहर किया है, भविष्य में राज्य से भी बेदखल करेंगे। आगे उन्होंने कहा कि झारखंड के कोयले से देश रोशन होता है पर झारखंड के लोग भिखारी बन गए। यहां के लोगों को मजदूरी भी नहीं मिली। मोटे शेर और मोटे होते चले गए। 


केंद्र की नीतियों से गरीबों का पेट पालना मुश्किल 
मुख्‍यमंत्री ने आगे कहा, केंद्र की नीतियों के कारण गरीबों का पेट पालना मुश्किल हो गया है। इसके बावजूद राज्य सरकार 10 रुपये में धोती-साड़ी देने का काम कर रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मंगलवार को स्थानीय पुलिस स्टेडियम में आयोजित प्रमंडल स्तरीय रोजगार (ऑफर लेटर वितरण) मेले को संबोधित कर रहे थे। इसमें 5,132 युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों के लिए ऑफर लेटर प्रदान किए गए। करीब 35 मिनट के संबोधन में मुख्यमंत्री ने भाजपा व केंद्र सरकार को जमकर कोसा।


हमने 20 लाख लोगों का राशन कार्ड में नाम जोड़ा 
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य की पिछली सरकार ने 11 लाख लोगों के नाम राशन कार्ड से हटा दिए थे। अब हमने 20 लाख लोगों के नाम जोड़ने का काम किया। मनरेगा में केंद्र सरकार अपने हिस्से का पैसा नहीं दे रही है। इससे हजारों मजदूरों को मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है। ग्रामीण विकास मंत्री के साथ कई बार प्रयास किया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। बेरंग वापस आ गए। अनाज आपूर्ति में सौतेला व्यवहार के कारण खुले बाजार से खाद्यान्न की खरीद की जा रही है। दाल का भी संकट आ गया है।

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