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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 16 दिसंबर तक कोर्ट में व्यक्तिगत उपस्थिति से मिली छूट 

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द फॉलोअप डेस्क 
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ समन की अवहेलना का मामले में आज यानी बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस संबंध में हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन को 16 दिसंबर तक एमपी/एमएलए कोर्ट में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट प्रदान की है। साथ ही कोर्ट की एकल पीठ ने मामले में ईडी से जवाब मांगा है। जानकारी हो कि हेमंत सोरेन ने एमपी/एमएलए कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की याचिका खारिज कर दी गई थी। इस मामले में हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। 

दरअसल हेमंत सोरेन ने सीआरपीसी की धारा 205 के तहत कोर्ट में उपस्थित होने से छूट की याचिका दाखिल की थी। एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधिश सार्थक शर्मा ने इस याचिका को खारिज करते हुए उन्हें 4 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया था। इसी आदेश के खिलाफ अब सीएम ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। 
मामला तब शुरू हुआ जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने समन की अवहेलना को लेकर सीजेएम कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई। ईडी का कहना है कि हेमंत सोरेन को जमीन घोटाने से जुड़े मामले में 10 बार समन भेजा गया, लेकिन वह केवल 2 बार ही पेश हुए। पहली बार 20 जनवरी और दूसरी बार 31 जनवरी को। 

सीजेएम कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए हेमंत सोरेन को पेश होने का आदेश दिया था। लेकिन उनकी गैरमौजूदगी के कारण मामला एमपी/एमएलए को सौंप दिया गया। वहां भी वह अब तक पेश नहीं हुए हैं। अब यह मामला कांड संख्या 2/2024 के तहत एमपी/एमएलए कोर्ट में दर्ज है। ईडी ने हेमंत सोरेन की इस गैरहाजिरी को समन की अवहेलना मानते हुए शिकायत की है। 

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