द फॉलोअप डेस्क, रांची:
झारखंड के नए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने मंगलवार को विधानसभा भवन परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि नेतृत्व जरूर बदला है लेकिन इरादा वही है। हम पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा शुरू की गई जनकल्याणकारी योजनाओं को ही आगे बढ़ाएंगे। चंपई सोरेन ने कहाकि हेमंत सोरेन के नेतृत्व को 5 साल का जनादेश मिलाथा लेकिन साजिशन इसे 4 साल में ही रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि मैं पहले भी कई बार कह चुका हूं कि हेमंत सोरेन के खिलाफ कोई आरोप नहीं है। इससे पहले सदन में चंपई सोरेन ने कहा था कि मुझे हेमंत सरकार पार्ट-2 कहलाने में कोई आपत्ति नहीं है बल्कि इस बात का गर्व है। पूर्व मुख्यमंत्री ने जो योजनाएं शुरू की थी, हम उसी को आगे बढ़ाएंगे।
#WATCH | Ranchi: Jharkhand CM Champai Soren says, "The mandate was of 5 years under the leadership of Hemant Soren. It was stopped at 4 years through a plot... We said earlier too that there is no allegation against the Hemant Soren. The leadership has been changed but we will… pic.twitter.com/8gESngxU4b
— ANI (@ANI) February 6, 2024
चंपई सोरेन ने बीजेपी पर यह आरोप लगाया
गौरतलब है कि झारखंड विधानसभा में 5 फरवरी को फ्लोर टेस्ट में विश्वास मत हासिल करने के बाद चंपई सोरेन ने कहा था कि बीजेपी चुनी हुई सरकारों को अपदस्थ करती है। जहां राजनीतिक तौर पर जीत हासिल नहीं कर पाती वहां ईडी, सीबीआई और आईटी जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर सरकारें गिराती है और फिर अपनी सरकार बना लेती है। यदि ऐसा चलता रहा तो लोकतंत्र और संविधान नहीं बचेगा। बता दें कि मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद एक हिंदी दैनिक को दिए इंटरव्यू में चंपई सोरेन ने कहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले मेरे पास काम करने के लिए महज 10-12 दिन है। लोकसभा चुनाव के बाद कुछ महीने बचे हैं। ऐसे में बहुत कुछ नया शुरू करना संभव नहीं है। हम हेमंत सोरेन के कार्यों को ही आगे बढ़ाएंगे।
झारखंड में छंट रहे सियासी संकट के बादल
बता दें कि झारखंड में पिछले कुछ दिनों से जारी सियासी संकट के बादल अब छंटते नजर आ रहे हैं। 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को ईडी ने हिरासत में लिया। इसके तुरंत बाद उन्होंने राजभवन जाकर अपना इस्तीफा सौंप दिया। चंपई सोरेन ने आलमगीर आलम, विनोद सिंह, प्रदीप यादव और सत्यानंद भोक्ता के साथ जाकर राज्यपाल को विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा और सरकार बनाने का दावा पेश किया। आखिरकार 2 फरवरी को चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। बहुमत भी हासिल किया।