द फॉलोअप डेस्क, रांची:
झारखंड में हेमंत सरकार की नई कैबिनेट का स्वरूप लगभग तय हो चुका है। पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन भी मंत्रिपद की शपथ लेंगे। 2 फरवरी को चंपाई सरकार में मंत्री बने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन को इस बार कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। राजद कोटे से सत्यानंद भोक्ता मंत्रिपद की शपथ लेंगे। कांग्रेस कोटे से दीपिका पांडेय इस बार मंत्रिपद की शपथ लेंगी। कृषि, पशुपालन और सहकारिता मंत्री रहे बादल पत्रलेख को इस बार कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। झामुमो की बेबी देवी भी मंत्रिपद की शपथ लेंगी। दीपक बिरुआ भी मंत्रिपद पर बरकरार रहेंगे। कांग्रेस कोटे से बन्ना गुप्ता, रामेश्वर उरांव भी मंत्रिपद पर बने रहेंगे। आलमगीर आलम जेल में हैं। उनकी जगह अल्पसंख्यक कोटे से इरफान अंसारी मंत्री बन रहे हैं।
हाल ही में चंपाई ने दिया सीएम पद से इस्तीफा
गौरतलब है कि चंपाई सोरेन ने 2 फरवरी 2024 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। 28 जून को कथित जमीन घोटाला केस में ईडी की कार्रवाई का सामना कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जेल से बाहर आ गये। तब इंडिया गठबंधन ने तय किया कि हेमंत सोरेन को ही दोबारा सरकार की कमान संभाल लेनी चाहिए। चंपाई सोरेन ने गठबंधन के फैसले का सम्मान करते हुए इस्तीफा दिया। 4 जुलाई को हेमंत सोरेन ने फिर से सीएम पद की शपथ ली। विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि चंपाई सोरेन ने स्पष्ट किया था कि उनको नई कैबिनेट में मंत्रिपद चाहिए। चंपाई सोरेन वरीय नेता हैं। ये भी वजह है कि उनको मंत्री बनाया गया है।
बसंत सोरेन को कैबिनेट में क्यों जगह नहीं मिली
2 फरवरी 2024 को मंत्रिपद की शपथ लेने वाले बसंत सोरेन को इस कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। अब चुनाव से 2 महीने पहले उनको मंत्रिपद से हटा दिया गया है। कहा ये जा रहा है कि हेमंत सोरेन के सामने विधायकों को कैबिनेट में जगह देने को लेकर धर्मसंकट की स्थिति थी। दूसरा, उनपर लगातार परिवारवाद का आरोप लग रहा है। संभवत, बसंत सोरेन को इस वजह से मंत्रिपद छोड़ने के लिए मनाया गया होगा।