द फॉलोअप डेस्क
JSSC-CGL पेपर लीक मामले के विरोध में झारखंड के अभ्यार्थियों द्वारा वृहद ट्विटर (एक्स) अभियान चलाया जा रहा है। स्टूडेंट्स के इस ट्विटर महाअभियान को सोशल मीडिया पर भी जमकर समर्थन मिल रहा है। हैशटेश Conduct_jssc_fair_exam सोशल मीडिया एक्स पर नंबर 1 पर ट्रेंड कर रहा है। अबतक 1लाख 69 हजार लोगों ने हैशटेग का प्रयोग कर चुके हैं। गौरतलब है कि छात्र संगठनों ने जेएसएससी सीजीएल की निष्पक्ष परीक्षा कराने की मांग के समर्थन में ट्विटर महाअभियान का आह्वान किया था।
ये है मुख्य मांगे
गौरतलब है कि इस ट्विटर अभियान का सिर्फ एक मकसद है कि सरकार और आयोग जल्द से जल्द सारी परिक्षाओं की तिथि प्रकाशित करे। JSSC-CGL परीक्षा में हुई पेपर लीक की CBI जांच का आदेश दें। साफ-सुथरी एजेंसी के माध्यम से परीक्षा का आयोजन कराए। छात्रों ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि अगर सरकार ऐसा करने में विफल होती है तो बहुत जल्द राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा। अभ्यर्थियों ने आगामी चुनाव में सरकार के बहिष्कार की भी चेतावनी दी है।
नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने भी किया समर्थन
नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने छात्रों का समर्थन किया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल से ट्वीट कर लिखा है कि #conduct_jssc_fair_exams,यह युवाओं का आक्रोश है बोला गया था प्रतिवर्ष 5 लाख नौकरियां देंगे, 5000 नौकरियां भी ना दे सकी यह निकम्मी सरकार..अमर बाउरी ने आगे कहा कि चुनाव पूर्व यह वादा स्पष्टता से मुख्यमंत्री द्वारा युवाओं से किया गया था कि झामुमो-कांग्रेस-राजद सरकार प्रति वर्ष JSSC-JPSC की 4-5 परीक्षाएं करवाएंगे, परंतु अब इनकी विदाई वर्ष आ चुका और और देखिए राज्य के युवाओं ने क्या पाया क्या खोया !इस ठगबंधन सरकार को इतिहास नौकरियां बेचने वाला, सबसे भ्रष्ट व निकम्मी सरकार के रूप में याद करेगा और राज्य के युवा इसे आगामी चुनाव में उखाड़ फेंकने का काम करेंगे।
#conduct_jssc_fair_exams
— Amar Kumar Bauri (@amarbauri) February 29, 2024
यह युवाओं का आक्रोश है ????
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बोला गया था प्रतिवर्ष 5 लाख नौकरियां देंगे, 5000 नौकरियां भी ना दे सकी यह निकम्मी सरकार ...
चुनाव पूर्व यह वादा स्पष्टता से मुख्यमंत्री जी द्वारा युवाओं से किया गया था कि… pic.twitter.com/vKWdNns3xD
अब जानिए पेपर लीक मामला
गौरतलब है कि JSSC की ओर से करीब 8 साल बाद CGL की परीक्षा की तिथि जारी की थी। इसके लिए 28 जनवरी और चार फरवरी को परीक्षा की तिथि तय की गई। इस परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों की संख्या छह लाख से अधिक होने की वजह से पहली 28 जनवरी को और दूसरी परीक्षा चार फरवरी को रखी गई। 28 जनवरी को पहली परीक्षा राज्य के 735 केंद्रों में ली गई। 28 जनवरी को पेपर तीन की परीक्षा होने से पहले की उस पत्र में पूछे गए सवालों के जवाब सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। परीक्षार्थी जब सेंटर से बाहर आए और वायरल आंसर को मिलाया तो 80 फीसदी से अधिक आंसर हूबहू मिले। जिसके बाद हंगामा हुआ। झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमिशन ने 28 जनवरी की देर रात पहले पेपर तीन की परीक्षा रद्द करने का नोटिस दिया। इसके बाद 31 जनवरी को छात्रों को आंदोलन के बाद पूरी परीक्षा ही रद्द कर दी गई। इसके बाद एसआई का गठन कर जांच कराया गया।