द फॉलोअप डेस्क / RANCHI
केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया बजट 2025 समावेशी विकास और सामाजिक न्याय को प्राथमिकता देते हुए देश के गरीब, किसानों, मध्यम वर्ग और उद्यमियों के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान केंद्रित करता है। यह बजट आर्थिक संतुलन और समृद्ध समाज की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। बजट में बिहार के साथ-साथ झारखंड की विकास की उम्मीदों पर भी जोर दिया गया है। झारखंड में बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियों का योगदान है। बजट में इन वर्गों के विकास के लिए ठोस पहल की गई है। ये बातें आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने आम बजट पर कही है।
महिला, अनुसूचित जाति और जनजाति के उद्यमियों के लिए विशेष पैकेज
वित्त मंत्री ने 5 लाख महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के लिए 10,000 करोड़ रुपए के अतिरिक्त कोष की घोषणा की है। इस योजना के तहत अगले 5 वर्षों में 5 लाख लोगों को 2 करोड़ रुपए तक का दीर्घकालिक ऋण उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे इन उद्यमियों की सशक्तिकरण और प्रबंधन क्षमता में वृद्धि होगी। यह योजना झारखंड, बिहार और देशभर के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है।
गरीब, किसान और मध्यम वर्ग को राहत
बजट 2025, गरीबों, किसानों और मध्यम वर्ग के कल्याण के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
- मध्यम वर्ग को आयकर में बड़ी राहत मिली है, जिससे उनकी बचत बढ़ेगी और उपभोक्ता मांग में वृद्धि होगी।
- 100 सबसे कम फसल उत्पादकता वाले जिलों में उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ की घोषणा की गई है, जिससे लगभग 1.7 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे।
- ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ के तहत दलहन की खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे दालों के आयात में कमी आएगी और दाम नियंत्रित रहेंगे।
विकसित भारत की ओर ऐतिहासिक बजट
यह बजट प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह समाज के हर वर्ग को समान अवसर प्रदान करते हुए आर्थिक असमानता को दूर करने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।