द फॉलोअप डेस्क
चंदनकियारी प्रखंड के सहारजोरी गांव निवासी 80 वर्षीय वृद्ध पानू बाउरी का घर बारिश में ध्वस्त हो गया था। अपने घर की क्षतिपूर्ति के लिए वो बीते तीन वर्षों से लगातार अंचल कार्यालय में चक्कर काट रहे हैं। वृद्ध पानू बाउरी ने बताया कि 2021 में घ्वस्त हुए मकान को लेकर उन्होंने अंचल कार्यालय में क्षतिपूर्ति राशि के भुगतान के लिए लिखित आवेदन दिया था। कार्यालय में पदस्थापित निम्नवर्गीय लिपिक सैयद हुसैन द्वारा उन्हें क्षतिपूर्ति राशि के भुगतान के लिए 10 हजार रुपए बतौर रिश्वत की मांग की गई। जिसे देने में पानू असमर्थता जताई। उन्होंने इसकी लिखित शिकायत संबंधित अधिकारियों के अलावे प्रधानमंत्री कार्यालय को भी किया। परंतु तीन वर्ष बीतने के बाद भी उन्हे न्याय नहीं मिला।
रिश्वत मांगने के आरोप निराधार
मामले को लेकर जब सीओ रवि आनंद से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस संबंध में अंचलाधिकारी रवि आनंद ने कहा कि पानू बाउरी द्वारा पीएमओ को प्रेषित शिकायत की जांच में निम्नवर्गीय लिपिक पर रिश्वत मांगने के आरोप निराधार है।
पोलिथिन वर्जित करने की वकालत करने वालों के लिए सबक
रिश्वत मांगने के आरोप का सत्यापित होना नहीं होना दूसरी बात है। परंतु वृद्ध पानू का परिवार आज भी पोलिथिन ढके झोपड़ी में रहकर न्याय की मांग की लड़ाई लड़ रहा है। अधिकारी व कर्मियों की लापरवाही ने उन्हें खतरे को आमंत्रित करनेवाली झोपड़ी में रहने को विवश कर दिया है। ये सरकार व विभागीय अधिकारी समेत वैसे नियमो व संगठनों के लिए भी सबक है,जो पोलिथिन वर्जित करने की वकालत करती है।
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